गांधीनगर, नवप्रदेश। गुजरात हाईकोर्ट ने दो दशक पुराने रेप के एक मामले में स्थानीय अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ आसाराम की अपील को स्वीकार किया।
बता दें, इस साल जनवरी में, गांधीनगर कोर्ट ने आसाराम को 2001 से 2007 तक अपने अहमदाबाद स्थित आश्रम में एक शिष्या के साथ बलात्कार करने के मामले में आईपीसी की धारा 376, 377, 342, 354, 357 और 506 के तहत दोषी ठहराया (Asaram Bapu) था।
कोर्ट ने आसाराम पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। इसके साथ पीड़िता को मुआवजे के तौर पर 50 हजार रुपये देने का निर्देश दिया गया है।
2013 की बात है, जब गुजरात के सूरत जिले की एक लड़की, जो आसाराम की भक्त थी, ने आरोप लगाया था कि 2001 में उसके अहमदाबाद स्थित आश्रम में उसके द्वारा बार-बार बलात्कार किया गया था। अपनी सजा को चुनौती देते हुए उसने उच्च न्यायालय का रुख (Asaram Bapu) किया।
गुरुवार को उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसएच वोरा और जस्टिस मौना एम. भट्ट की बेंच ने अंतिम सुनवाई के लिए अपील को स्वीकार कर लिया। आसाराम वर्तमान में एक अलग बलात्कार के मामले में जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जिसमें उसे वर्ष 2018 में दोषी ठहराया गया था।
उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से गांधीनगर अदालत में पेश किया गया था। उसे राजस्थान पुलिस ने साल 2013 में गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में (Asaram Bapu) है।