Site icon Navpradesh

संपादकीय: भारत की एक और स्वर्णीम उपलब्धि

Another golden achievement of India

Another golden achievement of India

Another golden achievement of India: 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेकर हमारा देश भारत विकास पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है। उसी का यह सुपरिणाम है कि भारत के स्वर्ण मुकुट में एक और मोर पंख जुड़ गया है। भारत ने जापान को पछाड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का गौरव प्राप्त कर लिया है। भारत अब फोरट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया है।

निश्चित रूप से यह भारत की एक और स्वर्णींम उपलब्धि है। नीति आयोग की बैठक में यह जानकारी साझा की गई है जो डेटा आईएमएफ ने उपलब्ध कराया है भारत से आगे अब सिर्फ अमेरिका, चीन और जर्मनी है। भारत अगले दो साल के भीतर जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। गौरतलब है कि जब देश में तात्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी तब भारत की अर्थव्यवस्था ग्यारहवें नंबर पर थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भारत ने इंग्लैंड को पीछे छोड़कर विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का फक्र हासिल किया। उसी समय पीएम मोदी ने यह घोषणा की थी कि अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल में वे भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे।

अपनी इस घोषणा के अनुरूप उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले ही साल में भारत को चौथे पायदान पर पहुंचा दिया है इससे स्पष्ट है कि आने वाले दो तीन सालों के भीतर भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सफल हो जाएगा। भारत ने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि विषम परिस्थितियों में हासिल की है। लगभग दो साल तक जान लेवा कोरोना के कहर से दुनिया के तमाम बड़े और विकसित देशो की अर्थव्यवस्था लडख़ड़ा गई थी ऐसी प्रतिकूल स्थिति में भी भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर नहीं पड़ी।

भारत अब सिर्फ कोरोना काल में उत्पन्न हुई चुनौतियों से निपटने में सफल हुआ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाकर देश के 100 करोड़ लोगों से ज्यादा लोगों को मुफ्त में वैक्सिन उपलब्ध करा कर एक नया कीर्तिमान रच दिया। यही नहीं बल्कि कई देशों को भी भारत ने वैक्सिन उपलब्ध कराकर पीडि़त मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण पेश किया। इसी तरह की और भी कई चुनौतियां भारत के समाने आई इजराइल और फिलिस्तिन के बीच तथा रूस और यूक्रेन के बीच सालों

लंबे चले युद्ध के कारण भी कई देशो की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर बई लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। भारत की इस उपलब्धि पर सभी को गर्व होना चाहिए लेकिन अपनी आदत से मजबूर विपक्ष के कई नेता इस उपलब्धि पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं और प्रतिव्यक्ति आय कम होने तथा बेरोजगारी की समस्या को लेकर इस उपलब्धि को कमतर करके दिखाने की हास्यास्पद कोशिश कर रहे हैं। बहरहाल केन्द्र सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए जिस तरह संकल्पित है उसे देखते हुए बहुत जल्द भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सपना साकार हो सकता है।

Exit mobile version