रायपुर/नवप्रदेश। Amritpal Support Action : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा में हुए वक्तव्य के बाद अमृतपाल के पक्ष में रैली निकालने वालों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। शाम होते-होते पुलिस ने रैली में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया। चारों पर 147, 505, 153A के तहत अपराध दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया। गिरफ्तार लोगों के नाम मनिंदर सिंह चहल, हरविंदर संधू, दिलेर सिंह रंधावा और हरप्रीत सिंह है।
घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेजों को खंगाला
सीएम भूपेश के वक्तव्य के बाद रायपुर पुलिस एक्शन में आई और कार्रवाई करते घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेजों व वायरल वीडियो को खंगाला। वीडियो के आधार पर कुछ लोगों की पहचान करते हुए दिलेर सिंह रंधावा 46 तेलीबांधा, मनिंदर सिंह उर्फ मिंटू 40 वर्ष कबीरनगर, हरविंदर सिंह संधू 44 वर्ष आमानाका और हरप्रीत सिंह रंधावा 42 वर्ष को गिरफ्तार किया गया। चारों को आज कोर्ट में पेश किया गया।
बता दें कि बीते बुधवार 22 मार्च को अमृतपाल के समर्थन में रैली निकाली गई थी। रैली की जानकारी के बाद सीएम भूपेश ने भी विधानसभा में इस मामले में कहा था कि पंजाब में जब से नई सरकार बनी है। तब से वहां के हालात खराब हो गए है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और चिंताजनक भी है। यहां पर बहुत से लोगों ने जान गंवाई है, जिसके बाद पंजाब एक शांत राज्य बना था।
वहीं, इस मामले में पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कानून व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा था कि देश विरोधी गतिविधि करने वालों के लिए छत्तीसगढ़ शरनागाह बन गया है। यहां देश विरोधी रैली निकालना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इधर रायपुर पुलिस ने भी रैली में शामिल सभी लोगों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है। जवाब के बाद पुलिस इस मामले पर आगे की कार्रवाई करेगी।
जानिए क्या है मामला
दरअसल, राजधानी में बुधवार 22 मार्च को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के समर्थन में रैली निकाली गई थी। रैली में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के पक्ष में नारेबाजी करते हुए पंजाब सरकार का पुतला भी फूंका गया था। रैली में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सहित युवा शामिल हुए। रैली तेलीबांधा और टाटीबंध से निकाली गई थी। इस दौरान समर्थकों ने मीडिया से कहा था कि अमृतपाल सिंह को पंजाब सरकार ज़बरदस्ती फंसा रही है। अमृतपाल ने पंजाब में नशे के खिलाफ अभियान छेड़ा था। पंजाब सरकार नशे का व्यापार करने वालों के सपोर्ट में है। इसलिए अमृतपाल को फंसाया जा रहा है। यही कारण है कि उन्हें भगोड़ा और आतंकवादी भी कहा जा रहा है।
मालूम हो कि, अमृतपाल सिंघ वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है। अमृतपाल पर खालिस्तान को समर्थन करने का आरोप है। अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ 23 फरवरी को अजनाला थाने पर कब्जा कर हथियारों के दम पर अपने एक साथी लवप्रीत सिंह को छुड़ाकर ले जाने का आरोप (Amritpal Support Action) है। इस घटना में 6 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट लगी थी।