Agniveers played an important role: पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने जो आपरेशन सिंदूर चलाया था उसमें अग्रिवीरों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारतीय सेना के साथ लगभग तीन हजार अग्रिवीरों ने भी मोर्चा संभाला था और पाकिस्तान के खिलाफ हुई सैन्य कार्यवाही में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
इनमें ऐसे अग्रिवीर भी शामिल थे जो अपनी ट्रेनिंग पूरी करके सीधे मोर्चे पर पहुंचे थे और फायर जोन में तैनात होकर अदम्य साहस का परिचय दिया था। ये वही अग्रिवीर है जिनकी नियुक्ति को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सरकार की कड़ी आलोचना की थी और इन अग्रिवीरों की तुलना दिहाड़ी मजदूर से की थी। ऐसे बड़बोले नेताओं के मुंह पर अग्रिवीरों ने करारा तमाचा लगाया है और आपरेशन सिंदूर से अग्रणी भूमिका निभाकर अपने चयन की सार्थकता सिद्ध कर दी है।
मात्र 20 से 22 साल उम्र के इन अग्रिवीरों ने आपरेशन सिंदूर के दौरान मोर्चे पर जो जाबाजी दिखाई है उसका दुश्मन देश भी लोहा मान गया है। वैसे भी सेना को हमेशा जवान रखा जाता है और इस लिहाज से अग्रिवीरों की नियुक्ति निश्चित रूप से भारतीय सेना को मजबूती देने वाला एक ऐतिहासिक कदम है। आपरेशन सिंदूर के दौरान अग्रिवीरों ने अपनी उपयोगिता साबित कर दिखाई है अब विपक्षी नेताओं की बोलती बंद हो जाएगी।
जिन 3 हजार से ज्यादा अग्रिवीरों ने आपरेशन सिंदूर के दौरान अपने शौर्य का प्रर्दशन किया है। उनकी हौसला अफजाई की जानी चाहिए। और इन 3 अग्रिवीरों को भारतीय सेना में शामिल कर लिया जाना चाहिए ताकि अन्य अग्रिवीरों का हौसला भी बढ़े। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन साहसी अग्रिवीरों को भारतीय सेना का हिस्सा बनाकर उन्हें सम्मानित किया जाएगा।