Agneepath Yojana : भारत में बेरोजगारी की समस्या बढ़ती आबादी के साथ ही विकराल रूप धारण करती जा रही है। हर साल लाखों युवा शिक्षा पूरी कर के नौकरी की तलाश में निकलते है और इन सब को नौकरी दे पाना सरकार के बूते की बात नहीं है। सार्वजनिक और नीजि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम होते जा रहे है। निश्चित रूप से यह एक गंभीर समस्या है।
सरकार ने युवाओं को भारतीय सेना में अंतकालिक रोजगार (Agneepath Yojana) सुलभ कराने के लिए अग्निपथ योजना लागू करने की घोषणा की है जो देश के लाखों युवाओं के लिए स्वर्णिम अवसर माना जाना चाहिए। इस योजना के तहत 18 से 21 वर्ष की आयु वाले युवाओं को भारत की तीनों सेनाओं थल सेना, जल सेना और वायु सेना में चार वर्ष तक अपनी सेवाएं देने का मौका मिलेगा। जिसकी प्रशिक्षण अवधि छह माह होगी और चार साल की सेवा के दौरान उन्हे लगभग 40 हजार रुपए मासिक वेतन तथा अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
चार साल के बाद इनमें से 25 प्रतिशत युवाओं को भारतीय सेना में स्थाई नियुक्ति मिल जाएगी जबकि शेष 75 प्रतिशत युवाओं को एकमुश्त 10 लाख रुपए की राशि देकर सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। इसके बाद वे अपनी आगे की योजना पर काम कर सकते है। उनके पास चार साल का अनुभव होगा और लगभग 10 लाख रूपए हाथ में होंगे जिससे वे अपना बेहतर भविष्य बनाने में सक्षम होंगे। इतनी अच्छी योजना का भी विरोध शुरू हो गया है। बिहार के युवाओं ने अग्रीपथ योजना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे है।
वे स्थाई नियुक्ति चाहते है ताकि उन्हे वेतन और आजीवन पेंशन की पात्रता मिलें। जबकि सरकार सेना पर बढ़ते खर्च को कम करना चाहती है और युवाओं को भी देश सेवा का अवसर देना चाहती है। इसी उद्देश्य से उसने बीच का रास्ता निकालते हुए अग्रीपथ योजना लागू करने का निर्णय लिया है जिसका स्वागत करने की जगह विरोध होना हैरत की बात है। युवाओं की उम्र 18 साल के बाद कैसे 25 साल हो जाती है यह पता भी नहीं चलता।
ज्यादातर युवा व्यर्थ अपना समय गंवा (Agneepath Yojana) देते है और नौकरी की तलाश में उनके दो चार साल तो चप्पल घिसते हुए ही बीत जाते है। ऐसे में यदि उन्हे 18 वर्ष की आयु में चार साल के लिए सेना में सेवा देने का अवसर मिलता है और इसके बाद भी उनके लिए आगे का भविष्य रहता है तो इस बात का विरोध करना समझ से परे है। सरकार कोई जबरदस्ती तो कर नहीं रही है जिनमें देशभक्ति का जजबा जो वे अग्रीपथ योजना में शामिल हो सकते है और जिन्हे यह योजना पसंद नहीं आ रही है वे इसमें शामिल न हों लेकिन इसका विरोध न करें।