Editorial: आज हमारा देश भारत अपनी आजादी के 79वीं वर्षगांठ पर एक बार फिर अमर शहीदों को याद कर रहा है। जिन्होंने आजादी की बलिवेदी पर हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहूति देकर भारत माता को अंग्रेजों की सत्ता से मुक्त कराया था। आज का पावन दिन अपनी आजादी पर गर्व करने का दिन है। साथ ही चिंतन का भी दिन है। बीते 79 सालों में हमने क्या खोया और क्या पाया इस पर गहन विचार कर हमें अपनी आगे की राह आसान करने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। आगे की राह बेहद कठिन है। 2047 में जब हम अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर लेंगे तब हम भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में अपनी भावी पीढ़ी को सौपेंगे।
इसलिए आज हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारे देश ने हमें क्या दिया है बल्कि इस बात पर चिंतन करना चाहिए कि हम अपने देश को क्या दे रहे हैं। बीते 79 सालों में भारत ने हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास किया है। जब भारत दो सौ सालों तक अंग्रेजों का गुलाम था तो उन्होंने सोने की चिडिय़ा के पंखों को नोंच कर रख दिया था। 15 अगस्त 1947 को जब हमें आजादी मिली थी तो देश के सामने भुखमरी, गरीबी और बेरोजगारी जैसी जटिल समस्याएं मुंह बायें खड़ी थी। आजाद भारत ने धीरे-धीरे इन समस्याओं का समाधान किया। कृषि के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बना और गरीबी के अभिशाप से भी काफी हद तक हमें मुक्ति मिली। देश के सामने अभी भी चुनौतियां कोई कम नहीं है।
देश की एक तिहाई आबादी अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है और बेरोजगारी की समस्या भी दिन-ब-दिन जटिल होती जा रही है ऐसी स्थिति में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का चिर प्रतिक्षित स्वप्न साकार करने के लिए हम समस्त देशवासियों को दृढ़ संकल्प लेकर देश के उत्थान में योगदान देना होगा। बीते 79 सालों में भारत में कृषि, उद्योग, विज्ञान, प्राद्दोगिकी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है और आज हमारा देश दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है साथ ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है जो हमारे लिए गौरव की बात है।
भारत लगातार विश्व के नक्शे में अपनी पृथक और विशिष्ट पहचान बनाने में सफल हो रहा है। तीन साल पूर्व जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी ने अपना तांडव दिखाया था जिसके चलते विश्व के विकसित देशों की अर्थव्यवस्था लडख़ड़ा गई थी तब भी भारत ने इस चुनौती का साहसपूर्वक सामना किया और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाये रखा। कोरोना का न सिर्फ टीका बना लिया बल्कि पूरी दुनिया में हमने सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया। सौ करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में कोरोना की वैक्सिन उपलब्ध कराई गई यही नहीं बल्कि कई अन्य देशों को भी भारत ने कोरोना की वैक्सिन उपलब्ध कराकर पीडि़त मानवता की सेवा में योगदान दिया जिसकी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मुक्तकंठ से सराहना की थी।
भारत ने अपनी सामरिक शक्ति का भी हाल ही में उस समय परिचय दिया जब पड़ौसी देश पाकिस्तान ने पहलगाम में आतंकी हमला कराकर हमें चुनौती दी थी। जिसके जवाब में भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान को उसी की भाषा में करारा जवाब दिया उस समय पूरी दुनिया ने भारत की ताकत का लोहा मान लिया। बहरहाल भारत की एकता और अखंडता पर अभी भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। भारत की बढ़ती ताकत अमेरिका सहित दुनिया के अन्य शक्तिशाली देशों की आंखों की किरकिरी बन गई है। इसलिए भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतें लगातार षडयंत्र रच रही हैं और हमारे ही देश में छिपे आस्तिन के सांप उनके हाथों की कठपुतली बने हुए हैं।
पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन से भी हमेें खतरा बना हुआ है खासतौर पर पाकिस्तान के साथ तो एक और जंग होने की संभावना अभी भी प्रबल है। ऐसी स्थिति में हमें अपनी स्वतंत्रता का अक्षुण्य बनाये रखने के लिए जाति और धर्म की दिवार को तोड़कर अपनी एकता को मजबूत बनाकर रखना होगा तभी हम इन चुनौतियों का डटकर सामना कर पाएंगे और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के अपने संकल्प को पूरा कर पाएंगे। इसी मंगल कामना के साथ दैनिक नवप्रदेश परिवार की ओर से समस्त पाठकों और देशवासियों को 79वें स्वतंत्रता दिवस की कोटिश: शुभकानाएं।