जगदलपुर/नवप्रदेश/रवि राज पटनायक। 84th Foundation Day of CRPF : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के ग्राम करनपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप में पहली बार 84वां स्थापना दिवस धूमधाम से शनिवार को मनाया गया. इस कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह उपस्थित हुए और परेड की सलामी ली. इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से सीआरपीएफ के दो हज़ार से अधिक जवान, आला-अधिकारी, गृह सचिव सहित छत्तीसगढ़ राज्य के पुलिस विभाग के आला-अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे. तक़रीबन तीन घंटे तक चले इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, डॉग शो और सीआरपीएफ के सभी आठ विंग ने परेड आयोजित की.
गौरतलब हो कि दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के बाद पहली बार सीआरपीएफ ने अपना स्थापना दिवस नक्सलगढ़ में मनाया है. कार्यक्रम में सीआरपीएफ के महानिदेशेक एस. एल थाओसेन सहित केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पंकज कुमार, महानिदेशेक छत्तीसगढ़ पुलिस अशोक जुनेजा, पूर्व महानिदेशक सीआरपीएफ कुलदीप सिंह सहित सीआरपीएफ के परिजन भी उपस्थित रहे.
बस्तर जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर करनपुर में केन्द्रीय सुरक्षा बल का 84वां स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम को आज संबोधित करते हुए कहा कि देश की शांति और सुरक्षा का मजबूत आधार केन्द्रीय सुरक्षा बल बन गया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है कि बस्तर में हम स्थापना दिवस समारोह मना रहे हैं।
देश भर के वीरों को गृहमंत्री ने किया सम्मानित
शाह ने बस्तर सहित देश के अलग-अलग राज्यों में देश की सुरक्षा करते शहीद हुए जवानों को वीर चक्र से सम्मानित किया. इसके अलावा बस्तर, कश्मीर सहित अन्य राज्यों में हुए विभिन्न प्रकार के मुठभेड़ों में आतंकवादियों और नक्सलियों को मार गिराने वाले वीर जवानों को वीर चक्र से सम्मानित किया. गृह मंत्री ने सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट सेवा के लिए भी सम्मानित किया. इसके अलावा उन्होंने यहां शहीद स्मारक पर माल्यार्पण भी किया.
सम्मानित हुए जवानों में ये थे शामिल:
1 जुलाई 2020 को जम्मू कश्मीर के सोपोर में 179 बटालियन की नाका पार्टी पर आतंकवादियों की भीषण गोलीबारी में हवलदार दीप चंद्र वर्मा गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद अपने प्राणों की किए बगैर दो दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराया . इस अभियान में हवलदार दीपचंद वर्मा वीरगति को प्राप्त हुए. उनके द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस और अपने प्राणों के सर्वोच्च बलिदान हेतु उन्हें मरणोपरांत वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है . इस पदक को शहीद दीप चंद्र वर्मा की धर्मपत्नी सरोज ने प्राप्त किया.
18 फरवरी 2020, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जंगल क्षेत्र में, माओवादियों द्वारा घात लगा कर किए अंबुश के दौरान 208 कोबरा के सिपाही कनई मांझी अंतिम सांस तक लङे और चार माओवादियों को मार गिराया. उनके द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस एवं उच्च कोटि के रणकौशल हेतु उन्हें मरणोपरांत वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को सिपाही कनई माजी की धर्मपत्नी पापीया मांझी ने प्राप्त किया.
23 फरवरी 2019 को झारखंड के गुमला जिले में पीएलएफआई माओवादियों के साथ मुठभेड़ में 209 कोबरा के सिपाही रोहित कुमार ने दो कुख्यात माओवादियों को मार गिराया. इनके द्वारा प्रदर्शित कुशल सामरिक रणनीति एवं युद्ध कौशल हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. बाद में 19 अप्रैल 2019 को एक भीषण सङक दुर्घटना में उनकी असामयिक मृत्यु हो गई. इस पदक को स्वर्गीय सिपाही रोहित कुमार की धर्मपत्नी प्रिया ने प्राप्त किया.
5 मई 2018 को श्रीनगर के छत्ताबल के घनी आबादी वाले क्षेत्र में वैली क्यूएटी ने नरेश कुमार ने लश्कर ए तैयबा के तीन दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराया था. इस अभियान में इनके द्वारा प्रदर्शित अद्भुत शौर्य एवं अनुकरणीय नेतृत्व हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को सहायक कमाण्डेन्ट नरेश कुमार ने प्राप्त किया.
08 दिसंबर 2018 को श्रीनगर शहर में वैली क्यूएटी ने स्थानीय निकाय चुनाव दल पर हमले के उद्देश्य से आए लश्कल ए तैयबा के 3 आतंकवादियों को मार गिराया. इस अभियान में प्रदर्शित अदम्य साहस एवं पराक्रम हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को हवलदार राम कुमार टोप्पो ने प्राप्त किया.
25 जनवरी 2020 को जम्मू कश्मीर के अवंतीपोरा में 130 बटालियन सीआरपीएफ द्वारा संयुक्त घेराबंदी एवं तलाशी अभियान के दौरान एक घर में छिपे आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में जैश ए मोहम्मद के दो दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराया गया. इनके द्वारा प्रदर्शित रणनीतिक सूझ-बूझ एवं सामरिक कौशल हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को हवलदार महेंद्र कुमार और सिपाही संदीप ने प्राप्त किया.
20 जून 2020 को जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिलने पर मयंक तेवारी, 2 आईसी ने अपने टीम के साथ मिलकर एक पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया. इनके द्वारा प्रदर्शित प्रदर्शित अतुलनीय शौर्य एवं पराक्रम हेतु इन्हे वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को मयंक तेवारी, द्वितीय कमान अधिकारी और हवलदार जयराम नाइक ने प्राप्त किया.
26 जुलाई 2019 को जम्मू कश्मीर के शोपिया जिले में 14 बटालियन सीआरपीएफ ने आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में जैश ए मोहम्मद के दो खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया. इस अभियान में इनके द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस एवं उच्च कोटि के पराक्रम हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को सिपाही अमित सिंह यादव और सिपाही जिबीके दलपत भाई ने प्राप्त किया.
3 मई 2019 को जम्मू कश्मीर के शोपिया जिले में 178 बटालियन सीआरपीएफ ने एक संयुक्त अभियान में हिजबुल मुजाहिद्दीन के तीन आतंकवादियों को मार गिराया. इस अभियान में इनके द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस एवं बहादुरी हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को मास्टर विकास, सहायक कमाण्डेन्ट, हवलदार विनय कुमार राय, सिपाही गुरूमुख सिंह और सिपाही रबी प्रसाद वर्मा ने प्राप्त किया.
22 मई 2019 को जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में अट्ठारह बटालियन सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान में हिजबुल मुजाहिद्दीन के 2 आतंकवादियों को मार गिराया. इस अभियान में इनके द्वारा अतुलनीय पराक्रम हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार सिंह, सिपाही प्रदीप सिंह, सिपाही / बिगुलर मोहम्मद रियाज और सिपाही देबराव कुलदीप किसान ने प्राप्त किया.
18 जून 2019 को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में 90 बटालियन सीआरपीएफ ने जै श ए मोहम्मद आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में दो दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराया. इस अभियान में इनके द्वारा प्रदर्शित उच्चकोटि के पराक्रम हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को सिपाही विकास राणा और सिपाही उमर हुसैन ने प्राप्त किया.
19 जून 2020 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में, बड़ी संख्या में माओवादियों के उपस्थिति की सूचना के आधार पर 168 बटा और 204 कोबरा की टीम ने माओवादियों के सुनियोजित अंबुश को विफल करते हुए एक माओवादी को मार गिराया. इस अभियान में इनके द्वारा प्रदर्शित रणनीतिक सूझ बूझ एवं पराक्रम हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को सिपाही गवारा तिरुपति ने प्राप्त किया.
31 जनवरी 2020 को जम्मू के नगरौटा में बन टोल प्लाजा के नजदीक 137 बटालियन सीआरपीएफ ने भीषण मुठभेड़ में जैश ए मोहम्मद के तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया. इस अभियान में इनके द्वारा प्रदर्शित रणनीतिक सूझ बूझ एवं पराक्रम हेतु इन्हें वीरता के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस पदक को सिपाही थामस बोरों, सिपाही सतीश शर्मा और सिपाही बृजनंदन कुमार पासवान ने प्राप्त किया.
इसके अलावा बेहतर नियंत्रण के लिए अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में ट्राफी प्रदान की गयी. इस सूचि में निम्न अधिकारी शामिल हैं:
उत्तर पूर्व क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ की सर्वश्रेष्ठ परिचालनिक बटालियन की ट्रॉफी स्वर्ण सिंह कमांडेंट 20 बटालियन, असम को मिली.
जम्मू कश्मीर क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ की सर्वश्रेष्ठ परिचालनिक बटालियन की ट्रॉफी सुरजीत कुमार कमांडेंट 178 बटालियन, सोपिया को मिली.
वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ की सर्वश्रेष्ठ परिचालनिक बटालियन की ट्रॉफी कुमार मयंक कमांडेंट 161 बटालियन, गया, बिहार को मिली.
सर्वश्रेष्ठ परिचालनिक इक कोबरा बटालियन की ट्रॉफी कैलाश आर्य, कमांडेंट 205 कोबरा को मिली..
सीआरपीएफ की सर्वश्रेष्ठ ग्रुप सेंटर की ट्रॉफी अनिल कुमार सिंह डीआईजी जीसी टू अजमेर को मिली.
सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण संस्थान कीट्राफी अरुल कुमार एस. डीआईजी, आर टी सी आवडी को मिली.
गृहमंत्री ने 174 करोड़ रुपयों के निर्मित कार्यों का किया ई-लोकार्पण
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित अन्य राज्यों में सीआरपीएफ के 174 करोड़ की लगत से नवनिर्मित भवनों का ई-लोकार्पण भी इसी दौरान गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किया गया. यही नहीं, बस्तर की स्थानीय बोली हल्बी में आकाशवाणी द्वारा शुरू किये गए पहले साप्ताहिक समाचार बुलेटिन का भी इन्होंने लोकार्पण किया.
उग्रवादियों के खिलाफ लड़ाई अंतिम पड़ाव पर– अमित शाह
गृहमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीआरपीएफ ने अपनी 84 वर्ष के स्वर्णिम इतिहास को लिखते-लिखते देश के 2249 जवानों को खोया है. 36 हज़ार से भी ज्यादा पुलिस शहीद जवानों और छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवादियों को समाप्त करने के अभियान का नेत्रित्व करते हुए 763 शहीद जवानों को श्रधांजलि अर्पित की. उग्रवादियों के खिलाफ अब यह लड़ाई अंतिम पड़ाव पर है जिसका पूरा श्रेय इन शहीद जवानों को जाता है. जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्या-कुमारी तक ऐसा कोई भी राज्य नहीं है जहाँ के सिपाही ने अपनी जान जोखिम में डालकर हमेशा आम जनता की रक्षा की है और क्षेत्र के विकास को बढ़ाया है.
यही कारण है कि एक बटालियन से शुरू हुई सीआरपीएफ आज 246 बटालियन, 04 जोनल मुख्यालय, 21 सेक्टर मुख्यालय, 02 परिचालन सेक्टर मुख्यालय, 17 परिचालन रेंज और 42 प्रशासनिक रेंज के साथ सवा तीन लाख से ज्यादा जवानों के साथ देश का सबसे बड़ा फ़ोर्स बना हुआ है.
75 महिला सीआरपीएफ कमांडो ने की 1838 किलोमीटर की यात्रा
इस कार्यक्रम में शामिल होने और सीआरपीएफ की कार्यकुशलता को प्रदर्शित करने सीआरपीएफ की 75 महिला कमांडो ने 38 बुलेट में 9 मार्च से दिल्ली से जिला मुख्यालय जगदलपुर के ग्राम करनपुर तक 1838 किलोमीटर की यात्रा तय की और शनिवार की तडके सुबह पहुंचकर गृहमंत्री के सामने अपना प्रदर्शन दिखाया. इस प्रदर्श को शाह ने काफी सराहा और नारी शक्ति को नमन किया.
लोकतंत्र के मंदिर को भी सीआरपीएफ ने किया सुरक्षित– शाह
अमित शाह ने आगे कहा कि देश के चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से अंजाम देने का श्रेय सीआरपीएफ के कुशल नेत्रित्व को जाता है और इनका योगदान महत्वपूर्ण है. विगत कई चुनावों से सीआरपीएफ के जवानों ने लोकतान्त्रिक प्रक्रिया का सुरक्षित रूप से निर्वहन करने की जिम्मेदारी निभाई है जिसे पूरा देश देख रहा है. लोक तंत्र के मंदिर संसद भवन और राम जन्म भूमि अयोध्या में हुए आतंकी हमले को भी सीआरपीएफ के जवानों ने ही नेस्तोनाबूत किया और संसद भवन को सुरक्षित रखने का जिम्मा बखूबी निभाया.