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3rd Day Assembly : MLA बृजमोहन ने बिजली कंपनियों की बकाया राशि व एकीकरण पूछा सवाल…देखें CM का जबाव

3rd Day Assembly: MLA Brijmohan asked the question of dues and integration of power companies…see CM's answer

3rd Day Assembly

रायपुर/नवप्रदेश। 3rd Day Assembly : छत्तीसगढ़ विधानसभा में वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ऊर्जा(बिजली) कंपनियों की बकाया राशि एवं एकीकरण (मर्ज) के विषय में सरकार से सवाल पूछा।

उन्होंने जानकारी मांगी की ऊर्जा विभाग में कितनी कंपनियां किस किस नाम से संचालित है और इन कंपनियों पर वर्तमान में कितना कितना कर्ज है। उन्होंने यह भी पूछा कि शासन व शासन के विभागों से इन कंपनियों को कितनी राशि लेनी है तथा यह जानकारी चाही की क्या इन कंपनियों के एकीकरण की कोई योजना है? अगर है तो किन-किन कारणों से कब ली गई है? अब तक किन-किन कंपनियों को आपस में मर्ज किया गया है तथा इससे शासन को क्या लाभ हुआ है?

इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखित रूप से बताया कि ऊर्जा विभाग के अधीन वर्तमान में 3 पावर कंपनियां छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड एवं छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड संचालित है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड पर रुपए 1,668.38 करोड़ छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड पर रुपए 6,563.89 करोड़ एवं छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड पर रुपए 5,033.81 करोड़ का कर्ज है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को शासन से 448.20 करोड़, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड को 964.26 करोड़, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिसटीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को 2291.76 करोड़ तथा 1,658.05 करोड विभिन्न विभागों से लेना है।

उन्होंने बताया कि पांच कंपनियों में से दो कंपनियों छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड का छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में एवं छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड का छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिसटीब्यूशन कंपनी लिमिटेड में विलय कर दिया गया है। इस तरह वर्तमान में 3 पावर कंपनियां संचालित है। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड एवं छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड का विलय होने पर पावर कंपनियों में कुल स्थापना व्यय में कमी संभावित है। शेष 3 पावर कंपनियां अपनी नियुक्ति कानूनी कार्मिक कल्याण इत्यादि कार्य स्वयं संपादित करेगी एवं व्यापारिक निर्णय ले सकेगी।

होल्डिंग कंपनी द्वारा समन्वय गतिविधियां बंद होने से स्थापना एवं प्रशासनिक व्यय में कमी होगी। डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को विद्युत व्यापार करने का अधिकार है अतः अलग से ट्रेडिंग कंपनी रखने का कोई औचित्य नहीं है। डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी स्वयं ऊर्जा का क्रय और विक्रय, मांग प्रबंधन एवं क्रय लागत को अनुकूलित कर सकती है।

विगत 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर एवं विद्युत क्षेत्र में बदली हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पावर कंपनियों की कार्य क्षमता को बढ़ाने हेतु कंपनियों का विलय दिनांक 6 जुलाई 2022 को किया गया है। विलय किए गए कंपनियों के प्रशासनिक एवं सामान्य उपारिव्य (ओवर हेड) खर्चे जैसे कानूनी व्यय, ऑडिट खर्च, वैधानिक खर्च आदि समाप्त होंगे तथा इन कंपनियों के विभिन्न पदों के कुल 61 पद संख्या विलोपित की गई है। वर्तमान में लेखा का अंतिमीकरण अभी तक नहीं हो पाया है। अतः विलय के पश्चात होने वाले लाभ का आकलन लिखा के अंतिमीकरण के पश्चात ही ज्ञात हो पाएगा।

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