Tirathgarh Eco Tourism : बांस की नावों पर एडवेंचर की नई लहर, तीरथगढ़ में इको टूरिज्म को मिला नया आयाम

Tirathgarh Eco Tourism

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Tirathgarh Eco Tourism : छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तीरथगढ़ जलप्रपात (Tirathgarh Eco Tourism) में अब पर्यटकों के लिए नया रोमांचक अनुभव जुड़ गया है। यहां बांस से बनी नावों पर राफ्टिंग और कायाकिंग की शुरुआत की गई है, जो प्राकृतिक सुंदरता और एडवेंचर का अद्भुत संगम पेश करती है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने मंगलवार को तीरथगढ़ पहुंचकर इस नई पहल का अवलोकन किया। उन्होंने मूंगाबाहर नाले में बांस की नाव (बांबू राफ्टिंग) और कायाकिंग का खुद अनुभव लिया और कहा कि इस तरह की गतिविधियां न केवल इको टूरिज्म (Tirathgarh Eco Tourism) को बढ़ावा देंगी बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेंगी।

मंत्री कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण और वन क्षेत्रों में पर्यटन के जरिए आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे स्थानीय समुदाय अपने ही क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे और बस्तर जैसे प्राकृतिक स्थलों की लोकप्रियता देशभर में बढ़ेगी।

स्थानीय युवाओं के लिए खुलेंगे नए अवसर

वन मंत्री केदार कश्यप ने इको विकास समिति के सदस्यों से चर्चा के दौरान कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बस्तर संभाग में पर्यटन विकास (Tirathgarh Eco Tourism) को नया स्वरूप दिया जा रहा है। तीरथगढ़ जैसे प्राकृतिक स्थलों पर इको-फ्रेंडली एडवेंचर गतिविधियां न केवल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएंगी।

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि बस्तर की प्राकृतिक धरोहर को सहेजते हुए वहां के युवाओं को रोजगार मिले। इको टूरिज्म का यह नया प्रयोग पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण – दोनों को साथ लेकर चलेगा।”

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