Supreme Court : खेल के मैदान के बिना नहीं हो सकता कोई स्कूल – सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, नवप्रदेश। “खेल के मैदान के बिना कोई स्कूल नहीं हो सकता। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी अच्छे पर्यावरण/माहौल के हकदार हैं।” यह तल्ख टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के यमुनानगर में एक स्कूल के खेल मैदान के लिए आरक्षित जमीन पर अनधिकृत कब्जे को लेकर की। इसी के साथ शीर्ष कोर्ट ने जमीन खाली कर स्कूल को सौंपने का आदेश (Supreme Court) दिया।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इस अवधि में अवैध कब्जेदार जमीन खाली कर नहीं सौंपते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई कर कब्जा हटाया जाए। यह फैसला न्यायमूर्ति एमआर शाह और बीवी नागरत्ना की पीठ ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार व अन्य द्वारा दाखिल याचिकाओं पर तीन मार्च को (Supreme Court) दिया।

हाई कोर्ट ने भगवानपुर गांव के स्कूल की जमीन पर हुए अतिक्रमण को नियमित करने की अनुमति दे दी थी। साथ ही बाजार कीमत के मुताबिक जमीन का पैसा लेने और स्कूल के खेल के मैदान के लिए वैकल्पिक जमीन पर विचार करने की भी बात की (Supreme Court) थी।

हाई कोर्ट ने यह आदेश अनधिकृत कब्जेदारों की याचिका पर दिए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को गलत बताते हुए अपने फैसले में कहा कि उस जगह के मानचित्र, स्कैच देखने के बाद पाया कि हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश लागू होने लायक नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचले प्राधिकरणों के आदेशों, हाई कोर्ट के आदेश और नए सिरे से किए गए डिमार्केशन को देखते हुए इस बात में कोई विवाद नहीं है कि हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले मूल याचिकाकर्ताओं का ग्राम पंचायत की उस जमीन पर अवैध कब्जा है जोकि स्कूल के लिए थी। पीठ ने कहा कि स्कूल में कोई खेल का मैदान नहीं है। स्कूल अवैध कब्जेदारों के अनधिकृत निर्माण से घिरा हुआ है।

You may have missed