Raipur Redevelopment Projects : चमकेगी राजधानी, री-डेवलपमेंट फेस-2 में रायपुर के 10 नए प्रोजेक्ट

Raipur Redevelopment Projects

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Raipur Redevelopment Projects : राजधानी रायपुर में अब जर्जर और अनुपयोगी शासकीय जमीनों पर नया जीवन फूंका जाएगा। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी री-डेवलपमेंट योजना के दूसरे चरण में रायपुर सहित प्रदेश के छह बड़े शहरों में दस नए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। इन योजनाओं का प्रस्ताव छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने तैयार कर लिया है और जल्द ही इन्हें कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना है।

दूसरे चरण में गुढ़ियारी क्षेत्र की बिजली कंपनी की भूमि, सिंचाई कॉलोनी और मंत्री बंगले क्षेत्र, शांतिनगर, बीटीआई समेत अन्य सरकारी परिसरों को आधुनिक आवासीय और व्यावसायिक स्वरूप में विकसित किया जाएगा। इन प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य है कि पुराने ढांचों के पुनर्विकास से राज्य को राजस्व, नागरिकों को आवास और राजधानी को नया रूप मिले।

32 स्थान चिह्नित, 10 प्रोजेक्ट दूसरे चरण में

गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव ने बताया कि प्रदेशभर में कुल 32 स्थानों को री-डेवलपमेंट के लिए चिह्नित किया गया है। पहले चरण के सात प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है और अब दूसरे चरण में दस नए प्रोजेक्ट्स की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है।

रायपुर के मुख्य प्रोजेक्ट – पुराने भवनों को मिलेगा नया जीवन

गुढ़ियारी री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी की सीई कार्यालय और प्रशिक्षण संस्थान की जमीन को मिलाकर आवासीय और व्यावसायिक कांप्लेक्स बनाया जाएगा। इसमें मल्टीस्टोरी टावर, कार्यालय, मॉल और पार्किंग जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी।

सिंचाई कॉलोनी और मंत्री बंगले क्षेत्र में रिक्त भूमि पर आवासीय टावर और कमर्शियल जोन विकसित किए जाएंगे। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व लाभ होगा।

शांतिनगर प्रोजेक्ट में 34 एकड़ भूमि पर पीपीपी मॉडल के तहत फाइव स्टार होटल, आइकॉनिक बिल्डिंग, मॉल और आवासीय परिसर बनाने का प्रस्ताव है। इसकी ऑफसेट वैल्यू लगभग 551 करोड़ रुपये आंकी गई है।

बीटीआई प्रोजेक्ट को मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। 3.5 एकड़ भूमि पर यहां आवासीय और व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स तैयार होंगे।

शहरों को नई पहचान और लोगों को आवास

अधिकारियों का कहना है कि इस योजना से राज्य को कई सौ करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा। साथ ही नागरिकों को किफायती दरों पर आधुनिक आवास, वाणिज्यिक अवसर और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। रायपुर, धमतरी, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ और जशपुरनगर में इन प्रोजेक्ट्स से शहरी विकास की रफ्तार और तेज होगी।

सरकार का उद्देश्य है कि शहरों में पड़ी अनुपयोगी सरकारी भूमि को पुनर्जीवित कर निवेश और विकास का केंद्र बनाया जाए।

पुराने प्रोजेक्ट्स भी पकड़ेंगे रफ्तार

तेलीबांधा, कटोरातालाब और समता कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में जहां पहले री-डेवलपमेंट योजनाएं लंबित थीं, उन्हें भी फेस-2 में जोड़ा जा रहा है। शासन का इरादा है कि कोई भी सरकारी भूमि अनुपयोगी न रहे और उसे नागरिक उपयोग के लिए विकसित किया जाए।

विशेषज्ञों की राय – राजधानी को मिलेगा आधुनिक स्वरूप

शहरी नियोजन विशेषज्ञों का कहना है कि गुढ़ियारी, सिंचाई कॉलोनी, शांतिनगर और बीटीआई क्षेत्र में प्रस्तावित प्रोजेक्ट राजधानी के शहरी ढांचे को नई दिशा देंगे। इनसे न केवल पुराने परिसरों का सदुपयोग होगा बल्कि शहर के मध्य स्थित इलाकों में आधुनिक आवास, वाणिज्यिक केंद्र और दफ्तरों का विकास भी होगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, इससे रोजगार सृजन में बढ़ोतरी होगी और रियल एस्टेट के साथ कारोबारी गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। अगले दो वर्षों में रायपुर के कई क्षेत्र नई पहचान लेकर उभर सकते हैं।

सरकार का दृष्टिकोण

गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अवनीश शरण ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में यह योजना शहरी पुनर्विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।