Site icon Navpradesh

Naxal Free Chhattisgarh : उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ पूरी तरह नक्सलमुक्त, सीएम बोले- बस्तर में शांति, विकास और विश्वास का नया युग

Naxal Free Chhattisgarh

Naxal Free Chhattisgarh

Naxal Free Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज का दिन मील का पत्थर बन गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि (Naxal Free Chhattisgarh) उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ का नक्सलमुक्त होना इस बात का प्रमाण है कि बस्तर अब भय नहीं, बल्कि विश्वास और विकास की नई पहचान बन चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत नक्सलवाद के अंत की ऐतिहासिक दहलीज़ पर खड़ा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते दो दिनों में 258 नक्सलियों के आत्मसमर्पण ने साबित कर दिया है कि बंदूक नहीं, बल्कि विश्वास की शक्ति जीत रही है। पिछले 22 महीनों में राज्य में 477 नक्सली मारे गए, 2110 ने आत्मसमर्पण किया और 1785 गिरफ्तार हुए ये आंकड़े इस अडिग संकल्प के साक्षी हैं कि अब छत्तीसगढ़ नक्सलमुक्त होकर विकास की नई दिशा तय करेगा।

नियद नेल्ला नार योजना” से मिली नई पहचान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना (Naxal Free Chhattisgarh)” ने बस्तर के जनजीवन को बदला है। अब तक 64 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे न केवल सुरक्षा सुदृढ़ हुई है, बल्कि शासन की पहुंच हर गांव तक हुई है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की संवेदनशील नीतियों, वनांचलों में शासन के प्रति बढ़ते भरोसे और निरंतर संवाद से आज वह क्षेत्र भी विकसित हो रहे हैं, जो कभी बंदूक की गूंज से कांपते थे। मुख्यमंत्री ने वीर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस को नमन करते हुए कहा कि उनके त्याग और समर्पण ने बस्तर को भय से मुक्त किया और उसे शांति की राह पर अग्रसर किया।

हिंसा की राह दर्द देती है, आत्मसमर्पण जीवन को दिशा

मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट कहा कि सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है हिंसा का कोई स्थान नहीं, लेकिन जो नक्सली शांति और विकास का मार्ग चुनना चाहते हैं, उनका स्वागत है। उन्होंने सभी नक्सलियों से अपील की “हिंसा की राह अंतहीन पीड़ा देती है, जबकि आत्मसमर्पण जीवन को नई दिशा देता है। अपनी मातृभूमि और परिवार के उज्जवल भविष्य के लिए हथियार छोड़ें और विकास की रोशनी में कदम बढ़ाएं।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर (Naxal Free Chhattisgarh) नक्सल आतंक से पूर्णतः मुक्त हो चुके हैं, जबकि दक्षिण बस्तर में यह लड़ाई अपने निर्णायक मोड़ पर है। “नियद नेल्ला नार योजना” ने संवाद, संवेदना और विकास का नया ताना-बाना बुना है, जिससे बस्तर की पहचान भय से बदलकर भरोसे में बदल गई है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूर्णतः नक्सलमुक्त बनाना सरकार का लक्ष्य है और यह अब दूर नहीं।

केंद्र सरकार की निर्णायक नीति

देशभर में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही निर्णायक जंग ने ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर, जो कभी नक्सली आतंक का गढ़ माने जाते थे, अब पूरी तरह नक्सलमुक्त घोषित किए जा चुके हैं। शाह ने कहा कि यह न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की ऐतिहासिक उपलब्धि है, बल्कि “विकास, विश्वास और संवेदना” की नई कहानी भी है।

दो दिनों में 258 नक्सलियों के आत्मसमर्पण ने यह दिखा दिया है कि आज जीत संविधान में आस्था की है, न कि बंदूक की धमक की। केंद्रीय गृह मंत्री ने आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सराहते हुए कहा कि उनका यह कदम न केवल उनके बेहतर भविष्य का प्रतीक है, बल्कि देश की एकता और अखंडता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है।

Exit mobile version