MP Cabinet Decisions : CM डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर, किसानों और कर्मचारियों के लिए भी बड़े फैसले

Supreme Court NMC

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश के आदिवासी अति-पिछड़े समुदायों के घरों में विद्युतीकरण (Electrification of PVTG Villages) के लिए 78 करोड़ 94 लाख रुपये की योजना को स्वीकृति दी गई। यह निर्णय प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN) के तहत लिया गया, जिसके दूसरे चरण में भारिया, बैगा और सहरिया समुदायों के 18,338 अविद्युतीकृत घरों में बिजली पहुंचाई जाएगी।

60% राशि केंद्र से, 40% राज्य देगा

योजना के तहत 47.36 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से अनुदान के रूप में प्राप्त होंगे, जबकि 31.58 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से अंशपूंजी के रूप में दिए जाएंगे। साथ ही, प्रत्येक घर के विद्युतीकरण की लागत सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति हाउसहोल्ड कर दी गई है। जहां लागत इससे अधिक होगी, वहां एक किलोवाट क्षमता वाले ऑफ-ग्रिड सोलर पैनल और बैटरी सिस्टम लगाए जाएंगे। इस प्रणाली से 211 घरों में बिजली पहुंचाई जाएगी।

पहले चरण में 10,952 घरों को मिली रोशनी

मंत्रि-परिषद को जानकारी दी गई कि 11 मार्च 2024 को स्वीकृत पहले चरण के तहत 10,952 घरों के विद्युतीकरण के लिए 65 करोड़ रुपये की कार्ययोजना मंजूर की गई थी। अब तक 8,752 घरों में बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इस योजना से 24 जिलों के जनजातीय क्षेत्र कवर किए जा रहे हैं।

किसानों को बड़ी राहत: 132 KV लाइन पर बढ़ा मुआवजा

बैठक में किसानों के हित में एक और अहम फैसला लिया गया। अब 132 KV और उससे बड़ी ट्रांसमिशन लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण पर दी जाने वाली क्षतिपूर्ति 85% से बढ़ाकर 200% कर दी गई है। वहीं Right of Way (ROW) में आने वाली भूमि की क्षतिपूर्ति राशि 15% से बढ़ाकर 30% कर दी गई है। लाइन के नीचे की जमीन में फसल उगाने की अनुमति किसानों को मिलती रहेगी।

132 KV लाइन के लिए क्षतिपूर्ति क्षेत्रफल 7 मीटर से बढ़ाकर 28 मीटर,
220 KV लाइन के लिए 14 मीटर से बढ़ाकर 35 मीटर,
और 400 KV लाइन के लिए 52 मीटर निर्धारित किया गया है।

बक्स्वाहा में 7 नए न्यायिक पदों की स्वीकृति

छतरपुर जिले के बक्स्वाहा न्यायालय (Junior Division Court) में न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 1 व्यवहार न्यायाधीश (कनिष्ठ खंड) और उनके अधीन 6 अन्य सहायक पदों को स्वीकृति दी गई है। इसके लिए 52.46 लाख रुपये वार्षिक व्यय का अनुमोदन किया गया है।

भोपाल सरकारी आवास नियमों में बड़ा बदलाव

मंत्रि-परिषद ने भोपाल शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 में संशोधन किया है। अब स्थानांतरण या सेवानिवृत्ति की स्थिति में सरकारी कर्मचारी 6 माह तक आवास रख सकेंगे। पहले यह अवधि केवल 3 माह थी। सेवानिवृत्त अधिकारी पहले 3 माह सामान्य किराए पर, और अगले 3 माह 10 गुना किराए पर आवास रख सकते हैं। इसके बाद दण्डात्मक दर (30 गुना किराया) से वसूली की जाएगी।

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