India Greenfield Expressway Project : 6 लाख करोड़ से बनेंगे 25 एक्सप्रेसवे, घटेगी लॉजिस्टिक लागत, बढ़ेगी रफ्तार

India Greenfield Expressway Project : 6 लाख करोड़ से बनेंगे 25 एक्सप्रेसवे, घटेगी लॉजिस्टिक लागत, बढ़ेगी रफ्तार

India Greenfield Expressway Project

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India Greenfield Expressway Project : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार 6 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 25 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (India Greenfield Expressway Project) का निर्माण कर रही है। ये एक्सप्रेसवे कुल 10,000 किलोमीटर लंबी नेटवर्क परियोजना का हिस्सा होंगे, जो देश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देंगे।

गडकरी ने उद्योग संगठन पीएचडीसीसीआई के वार्षिक सत्र में कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग (India Greenfield Expressway Project) का कार्य 75-80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। यह सुरंग लद्दाख क्षेत्र को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ेगी, जिससे न केवल रक्षा लॉजिस्टिक्स बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी बड़ा लाभ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि यदि राजमार्ग मंत्रालय अपनी सड़क परियोजनाओं का मॉनेटाइजेशन (India Greenfield Expressway Project) करता है, तो सरकार को करीब 15 लाख करोड़ रुपये तक की राजस्व प्राप्ति हो सकती है।

गडकरी ने कहा कि एक्सप्रेसवे और आर्थिक गलियारों के निर्माण से देश की लॉजिस्टिक लागत (India Greenfield Expressway Project) पहले के 16 प्रतिशत से घटकर अब 10 प्रतिशत रह गई है। “दिसंबर तक यह घटकर 9 प्रतिशत पर आ जाएगी, जिससे भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और मजबूती मिलेगी।” उन्होंने तुलना करते हुए बताया कि अमेरिका और यूरोप की लॉजिस्टिक लागत 12 प्रतिशत है, जबकि चीन में यह 8 से 10 प्रतिशत के बीच है।

ऑटोमोबाइल उद्योग में भारत को विश्व में नंबर-1 बनाने का लक्ष्य

मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में भारत को दुनिया का नंबर-1 ऑटोमोबाइल हब (India Greenfield Expressway Project) बनाना है। “जब मैंने परिवहन मंत्रालय संभाला था, तब भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर 14 लाख करोड़ रुपये का था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है।” उन्होंने बताया कि यह सेक्टर चार लाख से अधिक युवाओं को रोजगार देता है और देश में सबसे अधिक जीएसटी राजस्व प्रदान करता है। वर्तमान में अमेरिका का ऑटोमोबाइल उद्योग 78 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि चीन 47 लाख करोड़ और भारत 22 लाख करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर है।

सड़क निर्माण में ठोस कचरे का उपयोग

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार 2027 के अंत तक सभी ठोस कचरे (India Greenfield Expressway Project) का उपयोग सड़क निर्माण में करने की योजना पर काम कर रही है। “हम पहले ही 80 लाख टन कचरे को अलग कर चुके हैं। कोई भी सामग्री या व्यक्ति बेकार नहीं होता। सही तकनीक और दृष्टिकोण से हम कचरे को संपत्ति में बदल सकते हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण में ग्रीन टेक्नोलॉजी और रिसाइकल्ड मटेरियल के प्रयोग से लागत घटेगी, पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।