Gold VS Silver Investment : त्योहारी सीजन से ठीक पहले घरेलू वायदा बाजार में सोने और चांदी के भाव में नरमी देखी गई। निवेशकों द्वारा ऊँचे स्तर पर मुनाफावसूली और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव के संकेतों ने इन कीमती धातुओं की चमक को फिलहाल कम कर दिया है।
घरेलू बाजार का हाल
एमसीएक्स पर अक्टूबर डिलीवरी वाला सोना 606 टूटकर 1,07,122 प्रति 10 ग्राम पर पहुँच गया। शुक्रवार को यह 1,07,807 प्रति 10 ग्राम के अब तक के उच्चतम स्तर पर था। दिसंबर डिलीवरी में भी 612 की गिरावट दर्ज हुई और यह 1,08,176 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।
चांदी ने भी 14 साल के उच्चतम स्तर से वापसी की है। दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 977 यानी 0.78% गिरकर 1,23,720 प्रति किलोग्राम पर पहुँच गई।
अंतरराष्ट्रीय रुझान
Comex पर दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स 0.68% गिरकर USD 3,628.35 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जबकि स्पॉट गोल्ड USD 3,584.40 प्रति औंस तक फिसल गया। सिल्वर फ्यूचर्स 0.7% गिरकर USD 41.26 और स्पॉट सिल्वर 0.88% टूटकर USD 40.64 प्रति औंस रहा।
कीमतों पर दबाव की वजह
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों ने ऊँचाई पर मुनाफा बुक किया है। चीन के सेंट्रल बैंक ने लगातार 10वें महीने गोल्ड रिजर्व में इजाफा किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिमांड की दिशा बदल रही है। वहीं, अमेरिका में टैरिफ छूट और कमजोर जॉब डेटा ने फेडरल रिजर्व से ब्याज दर कटौती की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। यही कारण है कि सोना और चांदी अभी भी लंबी अवधि के निवेश के लिहाज से आकर्षक बने हुए हैं।
क्या सोना 5,000 डॉलर तक जा सकता है?
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि निवेशकों का भरोसा अमेरिकी बॉन्ड से हटकर गोल्ड की तरफ शिफ्ट होता है, तो कीमतें आने वाले वर्षों में USD 5,000 प्रति औंस तक जा सकती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा गिरावट निवेशकों के लिए खरीदारी का अवसर मानी जा सकती है।
पिछले 20 साल का रिटर्न
2005 में जहाँ सोना 7,638 प्रति 10 ग्राम था, वहीं 2025 में यह 1 लाख के पार पहुँच चुका है। यानी बीते दो दशकों में करीब 1,200% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। सिर्फ 2025 में ही अब तक सोने ने 31% रिटर्न दिया है, जिससे यह साल का टॉप परफॉर्मिंग एसेट बन गया है।
8 सितम्बर को प्रमुख शहरों में सोने के दाम
मुंबई: 1,07,400/10 ग्राम
दिल्ली: 1,07,210/10 ग्राम
कोलकाता: 1,07,260/10 ग्राम
चेन्नई: 1,07,200/10 ग्राम