Cyber Security in India : साइबर वार से भारत को 23,000 करोड़ का झटका, डिजिटल सुरक्षा पर मंडराया खतरा
 
                Cyber Security in India
इलेक्ट्रानिक्स और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) के मुताबिक भारत दुनिया में साइबर सुरक्षा के हब के रूप में उभर रहा है। सीईआरटी का दावा है कि भारत में साइबर सुरक्षा (Cyber Security in India) के क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं और भारत में साइबर सुरक्षा से जुड़े कुशल प्रोफेशनल्स की संख्या 6.5 लाख से अधिक हो गई है। भारत में साइबर सुरक्षा का कारोबार 20 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।
भारत में साइबर सुरक्षा से जुड़े स्टार्टअप से लेकर कुशल प्रोफेशनल्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। साइबर सुरक्षा (Cyber Security in India) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है। देश के कई प्रौद्योगिकी संस्थानों में साइबर सुरक्षा से जुड़ी सैकड़ों परियोजनाओं पर अनुसंधान किया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में साइबर सुरक्षा के मद में 782 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इन वजहों से सीईआरटी का मानना है कि भारत साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी पूरी दुनिया की मदद कर सकता है।
सीईआरटी का कहना है कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के प्रयासों को विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने भी सराहा है और भारत के को-ऑपरेटिव बैंकों को साइबर हमलों से बचाने के लिए किए गए प्रयासों का डब्ल्यूईएफ ने दुनिया के समक्ष जिक्र भी किया है। भारत का यह प्रयास (Cyber Security in India) वैश्विक मंच पर देश की डिजिटल मजबूती को दर्शाता है।
एआई की मदद से रियल टाइम बग को पकड़ने में मिल रही मदद
जानकारों का कहना है कि डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है और भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर कई विकसित देशों से भी बेहतर है। ऐसे में, भारत में डिजिटल अपराध की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। डाटालिड्स के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2024 में भारत में साइबर अपराध की वजह से 23,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जो वर्ष 2023 के मुकाबले 10 गुना अधिक है। वर्ष 2024 में साइबर अपराध से जुड़ी लगभग 20 लाख शिकायतें दर्ज की गईं।
सीईआरटी के मुताबिक वर्ष 2024 में भारत में रैंसमवेयर की 147 घटनाएं हुईं। जानकारों का कहना है कि एआई की मदद से रियल टाइम आधार पर मालवेयर व अन्य बग को पकड़ने में मदद मिल रही है। एआई के इस्तेमाल के लिए सीईआरटी फ्रांस की नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के साथ इस दिशा में काम कर रहा है, जिससे भारत (Cyber Security in India) को नई तकनीकी मजबूती मिल रही है।
