Chhattisgarh School Safety Case : हाई कोर्ट ने कहा - बच्चों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं! सरकारी स्कूलों की हालत पर सख्त टिप्पणी

Chhattisgarh School Safety Case : हाई कोर्ट ने कहा – बच्चों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं! सरकारी स्कूलों की हालत पर सख्त टिप्पणी

Chhattisgarh High Court Judgment

Chhattisgarh High Court Judgment

Chhattisgarh School Safety Case : राज्य के सरकारी स्कूलों की दुर्दशा और बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान मामले को मानिटरिंग के लिए रखा है और अगली सुनवाई नवंबर माह में तय की है। अदालत ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा का अधिकार संविधान के तहत सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है।

यह मामला तब सामने आया जब बिलासपुर के स्वामी आत्मानंद प्राथमिक विद्यालय, सेंदरी में दीवारों में करंट दौड़ने की गंभीर घटना हुई थी। चौथी कक्षा का छात्र नीलेश पटेल दीवार को छूने से झुलस गया था। स्वजनों और अन्य छात्रों ने बताया कि स्कूल की दीवारों में लगातार करंट (Chhattisgarh School Safety Case) का प्रवाह रहता है, जिससे रोज़ाना बच्चों की जान को खतरा बना हुआ है।

स्कूल प्रबंधन ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को पहले ही सूचित किया था, लेकिन लंबे समय तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस घटना को पहले से लंबित जनहित याचिका के साथ जोड़ दिया।

स्कूलों की बदहाल स्थिति पर अधिवक्ता की रिपोर्ट पेश

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता टी.के. झा ने एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर सक्ती जिले के कई सरकारी स्कूलों की स्थिति का ब्यौरा कोर्ट को दिया। रिपोर्ट में बताया गया कि कई स्कूलों में शौचालय, फर्नीचर, बाउंड्रीवाल, और भवन (Chhattisgarh School Safety Case) तक नहीं हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों प्रभावित हो रही हैं।

कोर्ट ने कहा – बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा का अधिकार मौलिक

कोर्ट ने टिप्पणी की कि यदि शासन इस दिशा में विफल रहता है, तो यह संविधान के अनुच्छेद 21-ए (शिक्षा का अधिकार) और 21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन माना जाएगा। अदालत ने कहा कि बच्चों के अधिकारों (Chhattisgarh School Safety Case) की रक्षा शासन और न्यायपालिका दोनों की जिम्मेदारी है, और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

राज्य सरकार ने दिए सुधार के आश्वासन, कोर्ट रखेगा नजर

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि स्कूलों की सुविधाओं में सुधार की पहल की जा रही है। इसके बावजूद हाई कोर्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे की निगरानी जारी रखेगा, ताकि सुधार वास्तविक रूप में लागू हो और बच्चों को सुरक्षित व बेहतर शिक्षा का वातावरण (Chhattisgarh School Safety Case) मिल सके। अब इस जनहित याचिका की अगली सुनवाई नवंबर माह में निर्धारित की गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं दिखा, तो शासन के अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा।