Bilaspur Doctor Son Suicide : डाक्टर बेटे ने लगाई फांसी, वजन से टूटा पंखा, गले में कस गया फंदा, मौके पर दर्दनाक मौत
Bilaspur Doctor Son Suicide
Bilaspur Doctor Son Suicide : बिलासपुर सिम्स (SIMS) की ईएनटी विभाग प्रमुख डा. आरती पांडेय (Bilaspur Doctor Son Suicide) के 19 वर्षीय बेटे ने शनिवार रात अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दुखद घटना उस वक्त सामने आई जब उसके वजन से छत का पंखा टूट गया और वह फर्श पर गिर पड़ा। गले में फंदा कस जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। डॉक्टर दंपती जब छठ पूजा में शामिल होने के बाद घर लौटे, तो उन्हें यह भयावह दृश्य देखने को मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।
डॉक्टर दंपती के घर घटी दर्दनाक घटना
सिविल लाइन थाना प्रभारी सुम्मत साहू के अनुसार, सिम्स के ईएनटी विभाग की प्रमुख डा. आरती पांडेय अपने पति डा. आशुतोष तिवारी (Bilaspur Doctor Son Suicide) के साथ चंद्रा पार्क स्थित अपने घर में रहती हैं। शनिवार की रात दोनों पति-पत्नी छठ पूजा में शामिल होने गए थे। घर पर उनका बेटा आयुष्मान तिवारी (19) अकेला था। करीब रात 10:30 बजे जब दोनों वापस लौटे, तो दरवाजा खोलते ही उन्हें बेटे का शव फर्श पर पड़ा मिला। छत का पंखा नीचे गिरा था और उससे बंधी रस्सी का दूसरा सिरा आयुष्मान के गले में कस गया था। उसकी मृत्यु हो चुकी थी। डॉक्टर दंपती की चीख सुनकर पड़ोसी दौड़े और उन्हें किसी तरह संभाला। बाद में रात करीब 11 बजे पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर आवश्यक जांच की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सिम्स के डॉक्टर और कर्मचारी पहुंचे घर
घटना की जानकारी मिलते ही सिम्स के डॉक्टर, कर्मचारी और परिचित देर रात डा. आरती पांडेय के घर पहुंचे। अस्पताल परिसर में भी इस घटना से गमगीन माहौल बना हुआ है। बताया जा रहा है कि डा. पांडेय और उनके पति आशुतोष तिवारी लंबे समय से सिम्स से जुड़े हैं और दोनों का चिकित्सा क्षेत्र में अच्छा योगदान रहा है।
मानसिक बीमारी से जूझ रहा था आयुष्मान
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आयुष्मान की मानसिक स्थिति पिछले पांच वर्षों से ठीक नहीं थी (Bilaspur Doctor Son Suicide)। उसका इलाज भी लगातार चल रहा था। पुलिस को आशंका है कि लंबे समय से मानसिक तनाव और अवसाद के कारण उसने यह कदम उठाया होगा। फिलहाल परिवार शोक में है, इसलिए पुलिस ने बयान लेने को स्थगित किया है। सोमवार की सुबह डॉक्टर दंपती और परिजनों से पूछताछ कर आगे की जानकारी जुटाई जाएगी।
परिवार और परिचितों में शोक की लहर
इस हादसे से पूरे डॉक्टर समुदाय और परिचितों में शोक की लहर दौड़ गई है। सभी ने इसे बेहद दुखद और असमय क्षति बताया है। बताया जा रहा है कि आयुष्मान बचपन से ही मेधावी था, लेकिन मानसिक बीमारी ने उसकी सामान्य दिनचर्या पर गहरा असर डाला था।
