Yuvraj Singh पर दलित समाज को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है
चंडीगढ़/ए.। क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों की अब जांच होने जा रही है। युवराज सिंह (Yuvraj Singh) पर दलित समाज को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। इस मामले में उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं करने वाले हरियाणा के तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की जांच होने वाली है। एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट के अंतर्गत यह जांच की जाने वाली है।
हिसार के विशेष कोर्ट ने यह आदेश दिया है। हिसार के विशेष कोर्ट में शिकायतकर्ता एवं वकील रजत कलसन की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें इस मामले की जांच करने वाले अधिकारी विनोद शंकर, रोहताग सिहाग एवं जसवीर सिंह की जांच के ओदश दिए गए हैं। एसएसटी एट्रोसिटी एक्ट के अनुसार गैर अनुसूचित जाति व जनजाति के सदस्य किसी भी व्यक्ति द्वारा कर्तव्य निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरते जाने पर उसे 6 माह से एक साल तक की सजा हो सकती है।
ये है मामला
नेशनल अलायंस व दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन ने याचिका दायर की है। 1 जून 2020 को युवराज सिंह एक लाइव कार्यक्रम में रोहित शर्मा के साथ सहभागी हुए थे। इस कार्यक्रम में उन्होंने युजवेंद्र चहल को लेकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। युवराज का वो बयान काफी वायरल हुआ था। युवराज ने इसको लेकर माफी भी मांगी थी। 2 जून को युवराज के खिलाफ हांसी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी। याचिका में आरोप है कि युवराज के मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज न कर प्राथमिक जांच शुरू की।