नई दिल्ली/नवप्रदेश। Wrestling Federation : भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों ने यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले पर अब बृजभूषण शरण सिंह की भी प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने कहा है कि क्या कोई ऐसा है जो सामने से आकर कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया है।
उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि जैसे मुझे पता चला धरना दिया है, आरोप क्या है मुझे नहीं पता था पर मैं तुरंत फ्लाइट का टिकट लेकर आया। सबसे बड़ा आरोप जो विनेश ने लगाया है, क्या कोई सामने है जो कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया? कोई तो होना चाहिए। क्या पिछले दस सालों से उन्हें फेडरेशन (Wrestling Federation) से कोई दिक्कत नहीं थी?
उन्होंने आगे कहा कि मुद्दे तब सामने आते हैं जब नए नियम और विनियम लाए जाते हैं। धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलंपिक के बाद किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है। अगर हुआ है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने ये भी कहा कि इसमें किसी बड़े आदमी का हाथ है, किसी बड़े उद्योगपति का हाथ है। ये साजिश है।
वीडियो वायरल के बाद विनेश के साथ बर्ताव पर
विनेश के साथ बर्ताव पर बृजभूषण सिंह ने कहा कि मैं विनेश फोगाट से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने ओलंपिक में कंपनी के लोगो वाली पोशाक क्यों पहनी थी? उसके मैच हारने के बाद, मैंने केवल उसे प्रोत्साहित और प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि 97 प्रतिशत खिलाड़ी मेरे साथ हैं, चाहे तो वोट करा लीजिए। उन्होंने ये भी कहा कि यौन उत्पीड़न एक बड़ा आरोप है। जब मेरा ही नाम इसमें घसीटा गया है तो मैं कैसे कार्रवाई कर सकता हूं? मैं जांच के लिए तैयार हूं।
क्या लगे आरोप?
विनेश फोगाट ने आरोप लगाते हुए कहा कि नेशनल कैंप में फेडरेशन के खास कोच महिला खिलाडियों का यौन शोषण करते हैं। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। अध्यक्ष भी कई महिला खिलाड़ियों का शोषण कर चुके हैं। लखनऊ में कैंप लगाया जाता है ताकि अपने घर में शोषण कर सकें, हमारी निजी जिंदगी में दखल देते हैं।
बजरंग पुनिया के आरोप
बजरंग पुनिया ने कहा है कि कुश्ती (Wrestling Federation) को दलदल से बचाना चाहते हैं, खिलाड़ियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक दो दिन पहले नियम बनाए जाते हैं जो खिलाड़ियों पर थोप दिए जाते हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष ही कोच और रेफरी की भूमिका निभाते हैं, बुरा व्यवहार करते हैं। इतना ही नहीं प्रायोजक टाटा मोटर्स से मदद नहीं मिलती, खिलाड़ी असहाय महसूस करते हैं और शिकायत करने पर उल्टा खिलाड़ियों पर कार्रवाई की जाती है।