गरियाबंद की बेटी की रायपुर में हुई थी शादी, पति-ससुराल वाले करते थे प्रताड़ित FIR लिखने TI मांग रही थी 20 हजार की रिश्वत
पलाश तिवारी/रायपुर
नवप्रदेश। Women Police Station Raipur : चार महीने से महिला थाने के चक्कर लगा रही पंडरी निवासी पीड़िता को आखिरकार निलंबित टीआई दरीयो के जेल जाने बाद न्याय की उम्मीदें जगी है। पीड़िता ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ रायपुर के महिला थाने में मारपीट और दहेज़ प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन पीड़िता से बेमानी पैसों की मांग पूरी नहीं होने पर निलंबित TI वेदवती दरियो अड़ंगा लगा कर बैठी हुई थी।
राजधानी रायपुर की महिला टीआई वेदवती की असलियत से ACB ने पर्दा उठा दिया है। चार महीने के लंबे इंतेज़ार के बाद अब जाकर पीड़िता को न्याय की उम्मीद जगी है। प्रार्थिया की शिकायत में चार महीने बाद ही सहीं लेकिन महिला थाना पुलिस ने शिकायत को एफआईआर में तब्दील करते हुए बुद्धवार को अपराध दर्ज कर लिया है।
मूलतः गरियाबंद की रहने वाली जया (परिवर्तित नाम)लोगों के घरों में खाना बनाकर अपना पेट पालती है। शादी रायपुर में हुई और तभी से उसका पती और ससुराल के अन्य लोगों के द्वारा उससे मारपीट कर दहेज़ लाने के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा था। ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आ कर पीड़िता ने इसकी शिकायत महिला थाने में की थी। लेकिन उसकी मदद करने की बजाये महिला थाना की निलंबित TI वेदवती और उसके मातहत शिकायत दर्ज करने के एवज में पैसों की मांग करते रहे थे।
पीड़िता ने नव प्रदेश के संवादवता से बात करते हुए बताया की चार महीने की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने उसकी गुहार सुन ली है। उसने कहा इस पल का ही उसे इंतजार था। क्योंकि शादी के बाद सुनहरे भविष्य और अपने परिवार का सपना देखते हुए वह रायपुर आई थी। लेकिन शादी के कुछ ही दिन बाद उसे पति का प्यार मिलने की बजाये बेरहम पिटाई मिली।
ससुराल वालों का भी साथ नहीं मिला और दहेज़ की मांग करते रहे। एक दिन ऐसा आया कि मुझे घर ही छोड़ना पड़ा और मैंने भी ठान लिया था कि मायके जाने की बजाये अपनी लड़ाई वह रायपुर में रहकर ही लड़ेगी। इसलिए अमीरों के घरों में काम करके खाना बनाकर अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ अकेले ही जूझ रही हूं।
मदद के लिए नहीं आया कोई NGO और महिला संगठन
पीड़िता ने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अंन्याय के खिलाफ महिलाओं को आवाज़ उठाने की बात कही। प्रार्थिया से जब पूछा गया कि इस दौरान कोई महिला संगठन या NGO से मदद नहीं मिली तो पीड़िता ने सिर्फ ना में सर हिला दिया। आमतौर पर खुद मुख़्तियारी हासिल करने में पति-ससुराल से त्रस्त गरियाबंद की पीड़ित बेटी अब रायपुर में रहकर गुजर-बसर के साथ कोर्ट-कचहरी भी सिर्फ अपने वकील के सहारे कर रही है। हालांकि उसे डर भी है और सवाल भी उसके मन में है कि ACB की कार्रवाई के बाद पुलिस थाना उससे कितना सहयोग करेगा ?
वकील की सलाह पर लगाई थी ACB से फ़रियाद
रिपोर्ट लिखने के बदले महिला थाना में उससे पैसों की बेजा मांग का जिक्र पीड़िता ने अपने वकील से किया। वकील की सलाह पर महिला थाना टीआई वेदवती दरीयो की शिकायत एसीबी में करने की हिम्मत जुटाई थी। टीआई वेदवती दरीयो की शिकायत के बाद परेशानहाल प्रार्थिया पर ACB ने गंभीरता दिखाते हुए टीआई को 20 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
SSP ने लिया संज्ञान तब जाकर कल दर्ज हुई FIR
महिला टीआई के जेल दाखिल होते ही पीड़िता की शिकायत को रायपुर SSP संतोष सिंह ने गंभीरता से लिया। मामले की तफ्सील से जानकारी और जांच के बाद रायपुर पुलिस कप्तान ने FIR के लिए निर्देशित किया। एसएसपी के निर्देश के बाद हरकत में आया महिला थाना स्टाफ ने बुद्धवार को पीड़िता के पती के विरुद्ध दहेज़ प्रताड़ना और घरेलू हिंसा के तहत 498 (ए) की धारा के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।