बिलासपुर/नवप्रदेश। Women Harassment : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने आज जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की।
आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने अपने कार्यकाल की आज 155वीं जनसुनवाई की। जिला बिलासपुर की आज 11वीं जनसुनवाई में कुल 30 प्रकरण रखे गये थे। इनमे से 16 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गए, शेष प्रकरण को आगामी समय मे सुनवाई की जाएगी।
जांच में लापरवाही…विशेषज्ञ करेंगे जांच
एक प्रकरण में (Women Harassment) आवेदक मृतका का भाई है उसने बताया कि अनावेदक डॉक्टर के यहां वर्ष 2020 के छठवे माह में मृतका का सोनोग्राफी कराया गया था मृतका के गर्भ मे 2 बच्चे है, ऐसी जानकारी अनावेदक द्वारा दी गई थी। लेकिन बाद में वर्ष 2020 के सातवे माह में पुनः सोनोग्राफी कराने पर पता चला कि मृतका के गर्भ में 3 बच्चे थे। वर्ष 2020 के आठवे माह में मृतका ने 3 बच्चों को जन्म दिया उसके बाद मृतका की मृत्यु 3 दिवस में हो गई। आवेदक का कथन है कि अनावेदक के जांच में लापरवाही से मृतका का उपचार नहीं हो सका इसलिए उसकी मृत्यु हुई।
अनावेदक ने स्वीकार किया कि उन्होंने 2 बच्चों का रिपोर्ट दिया था। उन्होने बताया कि कई बार ओवरलेप होने के वजह से तीन बच्चा नहीं देख पाये। आयोग द्वारा पुछे गये प्रश्न-गर्भ में 2 भ्रूण होने अथवा 3 भ्रूण होने से गर्भवती के दवाओं में क्या परिवर्तन होता है? अनावेदक ने बताया कि दवाओं में कोई परिवर्तन नहीं होता है। आयोग ने आवेदक से पूछा कि आपके पास कोई ओपीनियन रिपोर्ट है क्या कि अनावेदक के लापरवाही के वजह से आपकी बहन की मृत्यु हुई है?
सिम्स प्रकरण आयोग कार्यालय ट्रांसफर
आवेदक ने उत्तर दिया कि डिलवरी करवाने वाले डाक्टर ने मुझे बताया था कि, यदि पहले से बताया होता कि गर्भ में 3 बच्चे हेै तो दवाईया अलग तरह से दिया जाता। आयोग ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसमें एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह हेतु आयोग कार्यालय रायपुर में स्थानांतरित किया गया है। जहां शासकीय डॉक्टरों से चर्चा कर रिपोर्ट मंगायी जायेगी।
सुनवाई के प्रकरण (Women Harassment) में आवेदिका के मकान के सामने अनावेदकगण ने अस्थाई होटल बना लिया जबकि वह जगह आवेदिका के नाम पर है। आज आयोग की समझाइश पर अनावेदकगण उस होटल को हटाने के लिए तैयार हुए। आयोग द्वारा एक सप्ताह के अन्दर हटाने के निर्देश दिये गये। यदि अनावेदकगण द्वारा शेड नहीं हटाते है तो आवेदिका के साथ अनावेदकगण के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने में सहयोग करेगी। इस प्रकरण का रिपोर्ट आयोग में प्रस्तुत होने पर इस प्रकरण पर निराकरण किया जायेगा।