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Women Day: पिता ने दुकान चलाई, मां ने की सिलाई, पढ़ लिखकर तीन बहनें एक साथ बनीं दरोगा

Women Day: Father ran the shop, mother stitched, three sisters became policemen together

Women Day

बदायूं/नवप्रदेश। Women Day : बदायूं के उघैती कस्बे की तीन सगी बहनों ने एक साथ दरोगा बनकर अपने परिवार का ही नहीं बल्कि अपने इलाके व जिले का नाम रोशन किया है। हालांकि दो बहनें पहले से पुलिस विभाग में सिपाही हैं। एक बहन रेलवे में खल्लासी के पर काम कर रही थी। अब उसने वहां से त्याग पत्र दे दिया है।

12 मार्च से तीनों बहनें एक साथ मेरठ में ट्रेनिंग लेंगी। उनको यहां तक पहुंचाने में माता-पिता की कड़ी मेहनत रही। उघैती कस्बा निवासी संजीव कुमार गुप्ता मूलरूप से छिबऊ कला गांव के रहने वाले हैं। उनके गांव में पांचवी के बाद की पढ़ाई के लिए कोई स्कूल ही नहीं है।

इस तरह की परवरिश

इस वजह से बीस साल पहले संजीव कुमार (Women Day) उघैती कस्बा आकर रहने लगे। उन्होंने यहां आकर किराये पर दुकान लेकर मिठाई बनाकर बेचना शुरू की थी। उनकी पत्नी कपड़ों की सिलाई करके घर चलाती रहीं। उनके चार बच्चे हैं, जिनमें 27 वर्षीय शिखा गुप्ता, 25 वर्षीय शिल्पी गुप्ता, 24 वर्षीय शैली गुप्ता और 22 वर्षीय अभिषेक गुप्ता हैं।

चारों भाई-बहनों ने माधवराम इंटर कॉलेज से इंटर किया। शिल्पी गुप्ता ने एनएमएसएन दास डिग्री कॉलेज से बीएससी और चंदौसी से एमएससी की। वर्ष 2020 में महिला कांस्टेबल के पद पर ज्वाइनिंग हो गई। इस समय उसकी तैनाती मुरादाबाद के महिला थाने में है।

शिल्पी गुप्ता ने भी दास डिग्री कॉलेज से बीएससी और चंदौसी से एमएससी की। वर्ष 2018 में रेलवे में खल्लासी के पद पर नौकरी मिल गई। जबकि सबसे छोटी बहन शैली गुप्ता वर्ष 2021 में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई। उसकी तैनाती लखनऊ के हसनगंज थाने में है।

उसने भी दास डिग्री कॉलेज से बीएससी और बरेली कॉलेज से एमएससी किया था। इस दरोगा भर्ती में तीनों बहनों का एक साथ चयन हुआ। 26 फरवरी 2023 को उन्हें एक साथ ज्वाइनिंग लेटर मिला। अब तीनों बहनें एक साथ मार्च से मेरठ में ट्रेनिंग करेंगी।

जहां तीनों बहनें पढ़ने में तेज रही हैं, तो उनके माता-पिता भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने बच्चों की खातिर रात दिन एक कर दिया। उसका नतीजा यह रहा है कि तीनों बेटियां सफल हो गईं। लखनऊ के हसनगंज थाने में तैनात शैली गुप्ता कहती हैं कि हमारे जीवन में एक दिन ऐसा भी रहा है जब माता-पिता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। आर्थिक दिक्कत पैदा हो गई थी। इस पर उन्होंने अपने स्कूल के प्रधानाचार्य से बात की। उन्हें परिवार की समस्या बताई। तब प्रधानाचार्य ने उनकी फीस माफ कर दी।

त्याग पत्र देकर घर आई शिल्पी गुप्ता

शिल्पी गुप्ता इस समय गुजरात के सूरत जिले में रेलवे में खल्लासी के पद पर तैनात थी। चूंकि शिल्पी का दरोगा भर्ती में चयन हो गया है। इससे तीन दिन पहले शिल्पी ने खल्लासी पद से त्याग पत्र दे दिया। वह सोमवार को ही गुजरात से अपने घर आ गई। अब होली का त्योहार परिवार वालों के साथ मनाएंगी। फिर ट्रेनिंग के लिए चली जाएंगी।

नोएडा से बीटेक कर रहा है भाई

तीनों बहनों का इकलौता भाई (Women Day) अभिषेक है। चारों भाई-बहनों में काफी प्यार है। अभिषेक ने इंटर की पढ़ाई करने के बाद पीलीभीत के राजकीय पॉलिटेक्निक से पढ़ाई की। इस समय वह नोएडा से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है। बहनें कहती हैं कि वह अपने भाई को भी सरकारी नौकरी में लगवाने की कोशिश करेंगी।

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