–Women and Child Development department: परिवीक्षा अवधी पूर्ण किये बन गए डीपीओ
-कुछ की पदोन्नति के साथ नियुक्ति में गलती
रायपुर/ नवप्रदेश। Women and Child Development department : महिला बाल विकास विभाग मे नियम विरूद्व पदोन्नति प्राप्त अधिकारियो की फाईल एक बार फिर खुल रही है।
एमपी पीएससी से आये अधिकारियो को परिवीक्षा अवधि पुर्ण किये बिना वर्ष 2005 मे पदोन्नत कर दिया गया, जिसकी शिकायत पुर्व मे विभागीय सचिव (Women and Child Development department) से किया गया था पर जांच अधिकारियो के ढुल मुल रवैये से जांच वर्षो बाद पुर्ण नही हो पाई थी।
इस मामले की फाईल एक बार फिर खुल रही है। जिसके बाद नियम विरूद्व पदोन्नती प्राप्त अधिकारियो (Women and Child Development department) पर कार्यवाही हो सकती है। जानकारी के मुताबिक राज्य गठन के बाद एमपीएमसी से सलेक्टेड दर्जन भर अधिकारी छत्तीसगढ आये। जिसमें से कुछ अधिकारियो को परिवीक्षा अवधि पुर्ण किये बिना सीडीपीओ से डीपीओ बना दिया गया था।
अपात्रों को पहले ही पदोन्नति का पुरस्कार कैसे और क्यों दिया गया इसकी शिकायत हुई तो जांच अधिकारियो ने अपने चेहतों को बचाने मामले को दबाकर बैठ गए। इसमें अब तक कार्यवाही नही हो सकी है। इनमे कुछ अधिकारीयों की तो सिर्फ पदोन्नति ही नहीं बल्कि नियुक्ति में भी विवाद है। जिन्होने ने 1997 मे नौकरी ज्वाईन की प्रमोशन लेने नियुक्ति को एक साल पहले 1996 बताया है।