लंदन/नवप्रदेश। महिला क्रिकेट खिलाड़ी (woman cricket player) में अवसाद (depression) इतना बढ़ (increased the extent) गया कि उन्हें क्रिकेट से संन्यास (retirement) लेना पड़ा। बात हो रही है इंग्लैंड की अनुभवी महिला विकेटकीपर सारा टेलर (sarah taylor) की। उन्होंने लंबे अर्से से चल रही अपनी अवसाद की परेशानी के चलते अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। 30 साल की सारा (sarah taylor) इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की प्रतिभाशाली विकेटकीपर रही हैं।
17 साल की उम्र में बनी टीम का हिस्सा
सारा (sarah taylor) ने वर्ष 2006 में 17 साल की उम्र में इंग्लिश टीम में पदार्पण किया और राष्ट्रीय टीम के लिये 226 मैच खेले। उन्होंने 6,533 अंतरराष्ट्रीय रन बनाये और राष्ट्रीय टीम की ओर से सर्वाधिक रन बनाने के मामले में सर्वकालिक सूची में दूसरे नंबर पर हैं। उनसे आगे टीम की कप्तान चार्लोस एडवड्र्स हैं। अपने करियर में सारा ने महिला टी-20 विश्वकप 2009 और विश्वकप 2017 की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई। सारा (sarah taylor) ने इंग्लैंड के लिये दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्वकप सेमीफाइनल में 54 रन और फाइनल में भारत के खिलाफ 45 रन की मैच विजयी पारियां खेलीं।
सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर
हालांकि सारा (sarah taylor) को स्टम्प्स के पीछे अपनी भूमिका के लिये हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने सभी प्रारूपों में अंतरराष्ट्रीय मैचों में कुल 232 शिकार किये और इंग्लैंड की सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर के रूप में जानी जाती हैं। इंग्लिश खिलाड़ी पिछले कई वर्षों से अवसाद से जूझ रही थीं जिससे वह अपने खेल पर एकाग्रता नहीं दिखा सकीं। इंग्लैंड के भारत के खिलाफ 2016 विश्व टी-20 मैच के बाद से ही सारा (sarah taylor) क्रिकेट से अवकाश पर चल रही थीं।