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सरकार के बेहतर तालमेल से हम आपदा से जल्दी बाहर आ पाए, ये कहना है देवभूमि से मातृभूमि लौटे यात्रियों का…

With better coordination of the government, we were able to come out of the disaster sooner, this is to say of the travelers who returned from Devbhoomi to the motherland.

Uttarakhand safe return

Uttarakhand safe return : CM का आभार, कहा- त्वरित सहायता मिली

दुर्ग/नवप्रदेश। Uttarakhand safe return : भिलाई के सभी 55 यात्री आज उत्तराखंड से सुरक्षित लौट आये। इतने बड़े हादसे से निकलने के बाद की खुशी उनकी आंखों में स्पष्ट झलक रही थी। भरी हुई आंखों से उन्होंने बताया कि भूस्खलन के बाद का मंजर बहुत डरावना था। हमने हिम्मत नहीं हारी, अपनी सरकार पर भरोसा रखा। बहुत जल्दी डोगरा बटालियन की टीम पहुंची और हम सबको सुरक्षित पहुंचाया। कुछ किमी हमें पैदल चलना पड़ा।

यात्रियों ने बताया, हमें राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि आप सभी आश्वस्त (Uttarakhand safe return) रहें। मुख्यमंत्री बघेल पूरी घटना पर नजर रखे हुए हैं और आप सभी की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए हर संभव सहायता करने के निर्देश हमें दिये गये हैं। सीएम के निर्देश पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे पूरे समय लोगों की सहूलियत के संबंध में मानिटरिंग करते रहे।

अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना कैंचीधाम के एसडीएम के निरंतर संपर्क में रही। यात्रियों को स्कूल और अन्य सुरक्षित रहवासों में पहुंचाया गया और इनके खानपान की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद दिल्ली तक सुबह-सुबह पहुंचाया गया। यात्रियों ने बताया कि दिल्ली तक आने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई।

जिला प्रशासन के अधिकारी निरंतर समन्वय में रहे। हमें किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई। छत्तीसगढ़ भवन में पहुंचकर (Uttarakhand safe return) हमें बहुत अच्छा लगा। यात्रियों ने बताया कि हम इस आपदा से जल्दी इसलिए बाहर आ पाये क्योंकि हमारी सरकार ने उत्तराखंड सरकार से उचित समन्वय बनाया। वहां के जिला प्रशासन ने तेजी से रेस्क्यू का कार्य किया।

यात्रियों ने कहा कि हम इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति बहुत आभारी है। आज सुबह स्टेशन में बहुत सुंदर माहौल था। सबकी आंखों में खुशी के आंसू थे। सामूहिक प्रयास से यह बड़ा काम संपन्न हुआ और यात्रियों का स्वागत विजेताओं की तरह किया गया।

आपको बता दे कि, भिलाई शहर के 55 लोग इस महीने की 14 तारीख को नैनीताल घूमने गए थे। इस दौरान वहां भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सभी लोग फंस गए हैं। इनमें 44 महिलाएं और चार बच्चे व 7 पुरुष भी शामिल हैं।

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