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Wing Commander Nikita Pandey : ऑपरेशन सिंदूर” की शेरनी को सुप्रीम राहत…विंग कमांडर निकिता पांडे अब रहेंगी सेवा में…

नई दिल्ली, 22 मई| Wing Commander Nikita Pandey : भारतीय वायुसेना की शौर्यगाथा में शामिल विंग कमांडर निकिता पांडे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ‘ऑपरेशन बालाकोट‘ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे बेहद संवेदनशील मिशनों में योगदान देने वाली इस जांबाज़ महिला अधिकारी को सेवा से मुक्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने केंद्र और वायुसेना से सवाल करते हुए कहा कि ऐसी अफसरों को सेवा से हटाना न केवल अन्याय होगा, बल्कि राष्ट्र के लिए हानि भी होगी।

हम उन्हें सलाम करते हैं”: न्यायालय का वायुसेना को संदेश

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय वायुसेना को “दुनिया के बेहतरीन संगठनों में से एक” (Wing Commander Nikita Pandey)बताया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा,

“वे देश की असली संपत्ति हैं…उनकी वजह से ही हम चैन की नींद सोते हैं।”

इस बयान ने कोर्ट की संवेदनशीलता और राष्ट्रसेवा में लगे अधिकारियों के प्रति सम्मान को दर्शाया।

भेदभाव या चयन प्रक्रिया? मामला क्या है?

वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी के अनुसार, पांडे एक विशेषज्ञ लड़ाकू नियंत्रक हैं जिन्होंने IAACS प्रणाली में प्रमुख भूमिका निभाई। बावजूद इसके, उन्हें स्थायी कमीशन से वंचित रखा (Wing Commander Nikita Pandey)गया, जिसे उन्होंने भेदभावपूर्ण बताया।

केंद्र सरकार की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने जवाब देते हुए कहा कि चयन बोर्ड ने पांडे को अयोग्य पाया, लेकिन यह भी माना कि इस निर्णय की समीक्षा दूसरा चयन बोर्ड करेगा।

अगली सुनवाई: 6 अगस्त 2025

सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि अगले आदेश तक अधिकारी को सेवा से मुक्त नहीं किया (Wing Commander Nikita Pandey)जाएगा। अब इस मामले की सुनवाई 6 अगस्त को होगी, जो महिला सैन्य अधिकारियों के अधिकारों की दिशा में एक अहम पड़ाव साबित हो सकती है।

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