Will Ukraine become another Gaza Strip?: अमेरिका और नाटो के उकसावे में आकर यूक्रेन ने रूस से पंगा तो मोल ले लिया है लेकिन लगभग तीन साल तक चली जंग में यूक्रेन बबार्द हो गया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की नाटो के हाथों की कठपुतली बनकर यूक्रेन को तबाही की कगार पर पहुंचा चुके हैं। और अब तो यूक्रेन ने रूस के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा हमला करते हुए ड्रोन के माध्यम से रूस के 40 लड़ाकू विमानों को ध्वस्त कर दिया है। निश्चित रूप से यह रूस के के लिए बहुत बड़ा झटका है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अब पलटवार करने का फैसला ले लिया है। जाहिर है अब रूस के हमले से यूक्रेन की हालत भी गाजापट्टी जैसी हो जाएगी।
यूक्रेन के खिलाफ रूस कब सैन्य कार्यवाही तेज करेगा इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। रूस सिर्फ यूक्रेन के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही करके संतुष्ट हो जाएगा या फिर नाटो देशों को भी निशाना बनाएगा इस बारे में तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। गौरतलब है कि 32 यूरोपीय देश नाटो में शामिल है और वे यूक्रेन को भी नाटो में शामिल करना चाहते हैं। यही बात रूस और यूक्रेन के बीच जंग की जड़ है।
पुतिन नहीं चाहते की यूक्रेन नाटो में शामिल हो और यूक्रेन के माध्यम से नाटो देश रूस की सीमा तक अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा सके। इसी बात को लेकर तीन साल पूर्व रूस ने यूक्रेन के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी और उस समय पूरी दुनिया का यह अनुमान था कि दुनिया के दूसरे सबसे शक्तिशाली देश रूस के सामने यूक्रेन जैसा छोटा सा देश ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा और 8-10 दिनों में ही रूस यूक्रेन को जंग में हरा देगा लेकिन यह जंग पिछले तीन सालों से चल रही है और इस जंग के चलते जहां यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है वहीं रूस को भी क्षति उठानी पड़ी है।
दरअसल यूक्रेन को नाटो में शामिल यूरोपीय देशो की मदद मिलती रही है और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो वाइडन ने भी रूस को सबक सिखाने के लिए यूक्रेन की मदद की थी। किन्तु अमेरिका में जो वाइडन की जगह डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने यूक्रेन को मदद देना बंद कर दिया। इसे लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के अमेरिका प्रवास के दौरान वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तीखी नोकझोंक भी हुई थी।
अमेरिका से निराश होकर लौटे जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों से मदद की गुहार लगाई थी और उन्होंने यूक्रेन को मदद भी मुहैया कराई इससे उत्साहित होकर यूक्रेन ने रूस के खिलाफ ड्रोन के जरिए बड़े हमले को अंजाम दे दिया। लेकिन अब उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यदि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ मिसाइलें का उपयोग कर यूक्रेन में तबाही मचाई और उसके बचाव में नाटो देश आगे आये तो निश्चित रूप से तीसरे विश्व युद्ध का खतरा पैदा हो जाएगा।
और इसका अंजाम पूरी दुनिया को भुगतना पड़ जाएगा। रूस यूक्रेन को किसी भी हालत में बख्शने वाला कतई नहीं है। रूस ने तो अपने न्यूक्लियर हथियारों को भी तैयार करना शुरू कर दिया है। अब देखना होगा कि यूक्रेन के हमले के जवाब में रूस अब यूक्रेन के खिलाफ कैसी कार्यवाही कब करता है और इसका अंजाम क्या होता है।