-हैदराबाद से सांसद औवेसी ने शपथ लेते समय फिलिस्तीन के समर्थन में किया ऐलान
नई दिल्ली। Asaduddin Owaisi oath taking controversy: हैदराबाद से लोकसभा सांसद और एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने कल संसद में सांसद पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने फिलिस्तीन के समर्थन में जयघोष किया। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया। इस पर औवैसी ने भी सफाई दी है। लेकिन अब उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने इसकी शिकायत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने ट्वीट किया कि हरि शंकर जैन ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi oath taking controversy) के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, और उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की है। औवेसी की जयघोष के बाद संसद में हंगामा मच गया।
एनडीए सांसदों ने घटना की कड़ी निंदा की। तभी कुर्सी पर बैठे राधा मोहन सिंह ने आदेश दिया कि इसे रिकॉर्ड से हटा दिया जाये। बीजेपी ने औवेसी के बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि मौजूदा नियमों के मुताबिक उन्हें संसद से अयोग्य घोषित करने के कारण मौजूद हैं। बीजेपी ने अनुच्छेद 102 का हवाला देते हुए कहा कि ओवैसी को सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है।
विवाद बढऩे के बाद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi oath taking controversy) ने कहा कि मैंने सदन में कुछ भी गलत नहीं कहा। मैंने संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे लगे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन का मुद्दा भारत के लिए नया नहीं है। लेकिन बीजेपी ने इस पर आपत्ति जताई है।
क्या है असदुद्दीन ओवैसी की सफाई?
औवेसी ने कहा कि बहुत लोग बात कर रहे हैं। मैंने कहा- जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन। यह कैसे संविधान के विरुद्ध होगा? संविधान में ऐसा प्रावधान दिखायें। आप हमेशा अपना सच नहीं बता सकते। हमें दूसरे क्या कहते हैं यह भी सुनना चाहिए। उन्होंने कहा मैं जो कहना चाहता था, मैंने कह दिया।