Site icon Navpradesh

Wildlife Poaching Incident : जंगल का नरसंहार…! बिजली के तार ने ले ली 12 वर्षीय भालू की जान…आरोपी धर दबोचे गए

Wildlife Poaching Incident

Wildlife Poaching Incident : बागबाहरा वन परिक्षेत्र खल्लारी सर्किल अंतर्गत जोरातराई के जंगल कक्ष क्रमांक 179 में रविवार रात एक 12 वर्षीय नर भालू का शिकार करने के लिए बिछाए गए विद्युत तार की चपेट में आने से भालू की मौत हो गई। घटना में पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है,

जबकि एक आरोपी फरार बताया जा रहा है। वन विभाग ने सभी आरोपितों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। इस घटना ने वन्यजीव सुरक्षा और (Wildlife Poaching Incident) वन संरक्षण की गंभीरता को फिर से उजागर किया है।

उप वनमंडल अधिकारी गोविंद सिंह ने बताया कि शिकारियों ने मृत भालू को ट्रैक्टर से घटना स्थल से कुछ दूरी तक ले जाकर वहीं छोड़ दिया और साथ ही जंगली सुअर का मांस घर लाकर पकाकर खाने की तैयारी कर रहे थे। सूचना मिलने पर बागबाहरा परिक्षेत्र का स्टाफ और वन विद्यालय महासमुंद के प्रशिक्षुओं ने सर्चिंग की तो भालू का शव बरामद हुआ।

टीम ने भीमखोज एवं जोरातराई कमार डेरा में दबिश देकर जोरातराई से अगर सिंह (40), अर्जुन (36), तुलाराम बिंझवार (35) और चैतराम को गिरफ्तार किया। इस दौरान एक आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब रहा। वन विभाग ने मौके से जंगली सुअर का पका हुआ मांस, जीआई तार, टंगिया और ट्रैक्टर भी बरामद कर लिया। सभी आरोपितों से अंवराडबरी में पूछताछ जारी है। भालू के शव का पीएम कराया जाएगा और (Wildlife Poaching Incident) कानूनी कार्रवाई के तहत न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

जिले में शिकार की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। शनिवार को पिथौरा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की टीम ने ग्राम गिरना व छिंदौली में एक साथ दो स्थानों पर दबिश देकर हिरण के शिकार मामले में पांच आरोपितों को तीन जगहों से गिरफ्तार किया था। मुखबिर की सूचना पर आरोपित भोला खड़िया के घर की तलाशी के दौरान हिरण के ताजा मांस के टुकड़े, रक्तरंजित चटाई और आरोपित की निशानदेही पर कक्ष क्रमांक 228 के पास घटना स्थल से साढ़े छह किलो हिरण का मांस, पांच किलो जीआइ तार और बांस की खूंटी जब्त की गई थी।

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएँ न केवल वन्यजीवों के जीवन के लिए खतरा हैं, बल्कि पर्यावरण और जैव विविधता पर भी गंभीर असर डालती हैं। विभाग लगातार सघन गश्ती और जागरूकता अभियान चला रहा है, लेकिन (Wildlife Poaching Incident) रोकथाम के लिए समाज और स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी आवश्यक है।

यह घटना साबित करती है कि वन्य प्राणी संरक्षण में कड़े नियमों के बावजूद कुछ लोग अपनी लालच और अवैध शिकार की प्रवृत्ति नहीं छोड़ रहे हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की जांच और कार्यवाही और कड़ी होगी, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

Exit mobile version