पटना, 21 जून| Widow Pension : बिहार में अब जरूरतमंदों की सामाजिक सुरक्षा सिर्फ वादा नहीं, एक मजबूत इरादा बन चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांगजनों की पेंशन राशि को सीधे 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। यह ऐलान सिर्फ एक सरकारी योजना का हिस्सा नहीं, बल्कि सामाजिक समावेशन और आत्मसम्मान की दिशा में एक मजबूत संकेत है।
पेंशन में 175% की बढ़ोतरी – बदलाव जो सीधे ज़िंदगी से जुड़ा है
अब जुलाई से लाभार्थियों को 1100 रुपये मासिक पेंशन सीधे उनके बैंक खातों में हर महीने की 10 तारीख तक प्राप्त (Widow Pension Bihar)होगी। यह लाभ 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 परिवारों को सीधा फायदा देगा — जिनमें से अधिकांश समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं।
क्या यह चुनावी वादा है या स्थायी नीति विज़न?
बिहार में आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सिर्फ वोट बटोरने का प्रयास नहीं, बल्कि एक व्यापक नीति दृष्टिकोण का हिस्सा है। क्योंकि पेंशन बढ़ाने के साथ-साथ सरकार ने:
27,000+ नई भर्तियों को हरी झंडी दी
लघु उद्योगों के लिए 2 लाख तक का अनुदान शुरू किया
2400 मेगावाट के पावर प्लांट और नए इंडस्ट्रियल हब का प्रस्ताव रखा
कृषि और सिंचाई योजनाओं में सब्सिडी और बीज वितरण योजनाएं (Widow Pension Bihar)चलाईं
तीन नए एक्सप्रेसवे और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स को स्वीकृति दी
यह संपूर्ण विकास की बहुस्तरीय रणनीति का संकेत है — जिसमें सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास शामिल हैं।
“सम्मान की पेंशन” के साथ आत्मनिर्भरता की राह
पेंशन वृद्धि अकेली घोषणा नहीं है — यह उस सोच का हिस्सा है, जिसमें गरीब को केवल लाभार्थी नहीं, निर्णय निर्माता बनाना (Widow Pension Bihar)है। पेंशन से लेकर रोजगार, बीज से लेकर बाजार तक की यह श्रृंखला आर्थिक समावेशिता और सशक्तिकरण का मॉडल बन सकती है।