ये साजिश लोकतंत्र और न्यायपालिका की विश्वसनीयता के लिए खतरनाक
नई दिल्ली। CJI Chandrachud and harish salve: देश में लोकसभा चुनाव शुरू हो गए हैं। वहीं वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और देशभर के 600 से ज्यादा वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि एक विशेष समूह न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। साल्वे ने सनसनीखेज दावा किया है कि ये लोग न्यायपालिका के फैसलों को प्रभावित करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
इसमें साल्वे और वकीलों ने यह भी बताया है कि किस तरह के मामलों में ऐसा किया जा रहा है। पत्र में जिक्र है कि यह दबाव खासकर राजनीतिक नेताओं से जुड़े मामलों में बढ़ रहा है, जहां नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। यह भी कहा जाता है कि इन लोगों की साजिश लोकतंत्र और न्यायपालिका की विश्वसनीयता के लिए खतरनाक है।
इस पत्र पर हरीश साल्वे (CJI Chandrachud and harish salve) के साथ-साथ नान कुमार मिश्रा, आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होला, स्वरूपमा चतुर्वेदी के भी हस्ताक्षर हैं। यह समूह विभिन्न तरीकों से न्यायपालिका के कामकाज को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। यह समूह अपने राजनीतिक दृष्टिकोण से न्यायालयों के निर्णयों का पक्ष लेने या उनकी आलोचना करने का कार्य करता है। इसके साथ ही बेंच फिक्सिंग का सिद्धांत भी उन्हीं लोगों ने प्रस्तावित किया था, ऐसा भी इस पत्र में कहा गया है।
ये नेता पहले किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं और फिर अदालत में उसका बचाव करते हैं। ऐसे में अगर फैसला उनके मन के विपरीत आता है तो वे कोर्ट में या मीडिया में कोर्ट की ही आलोचना करने लगते हैं। कुछ ताकतें जजों को प्रभावित करने या अपने पक्ष में फैसला देने के लिए दबाव बनाने का भी काम कर रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी ये देखने को मिला। इसके चलते साल्वे ने पत्र में मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि अदालतों को बचाने के लिए इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।