वॉशिंगटन/नई दिल्ली। दुनिया भर (Whole world) में मशहूर भारतीय मूल (Famous indian origin) के 2 अमेरिकी डॉक्टरों (2 American doctors) ने भारत में कैंसर (Cancer in India) को लेकर चेतावनी (Warning) जारी की है। भारत में कैंसर मरीजों के सफल इलाज और इस घातक बीमारी के बारे में बेहद अहम रिसर्चों डॉक्टर दत्तात्रेयुडू नोरी और डॉक्टर रेखा भंडारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत में तत्काल और पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए तो भारत में कैंसर की सुनामी (Cancer tsunami) आ सकती है।
सफल इलाज करने वाले डॉक्टर
दुनिया भर में सबसे ज्यादा और सफल इलाज करने वाले कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दत्तात्रेयुडू नोरी ने इस घातक बीमारी से पीडि़त कई बड़े भारतीय नेताओं का इलाज कर चुके हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत नीलम संजीव रेड्डी भी शामिल हैं। डॉक्टर रेखा भंडारी दर्द निवारक दवाओं के क्षेत्र में अपने रिसर्च के लिए जानी जाती हैं। इन दोनों डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर सुनामी (Cancer tsunami) को रोकने के लिए रोग के शुरूआती दौर में ही अच्छी कोशिशों के आधार पर और स्वास्थ्य के प्रति सही जानकारी के द्वारा इसे रोका जा सकता है।
भारत में हर दिन 1,300 लोगों की कैंसर से हो रही मौत
मशहूर डॉक्टर और भारतीय मूल के दोनों डॉक्टरों ने चेताया कि तत्काल पर्याप्त और उचित कदम नहीं उठाए गए तो उनके जन्मस्थान वाला देश इस भीषण बीमारी की सुनामी (Cancer tsunami) की चपेट में आ सकता है। नोरी ने समाचार एजेंसी को बताया कि ‘भारत में हर दिन कैंसर से 1,300 लोगों की मौत हो रही है। भारत में हर साल कैंसर के करीब 12 लाख नए केस सामने आ रहे हैं। यह अर्ली डिटेक्शन के लोवर रेट और खराब इलाज की तरफ इशारा करता है।
2030 तक भारत में 17 लाख नए केस की भविष्यवाणी
इंटरनैशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की भविष्यवाणी है कि 2030 तक भारत में हर साल कैंसर के करीब 17 लाख नए केस सामने आएंगे। नोरी ने कहा, ‘अगर हम जरूरी कदम नहीं उठाएंगे तो कैंसर सुनामी जैसी हो जाएगी। महंगे इलाज की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में अगर किसी परिवार के किसी सदस्य में कैंसर की पुष्टि होती है तो अक्सर पूरा परिवार ही गरीबी रेखा के नीचे चला जाता है। उन्होंने इसे भारत में पब्लिक हेल्थ केयर की एक बड़ी चुनौती करार दिया है।
युष्मान भारत और नैशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम से प्रभावित हैं दोनों
2015 में पद्म श्री से सम्मानित हुए डॉक्टर नोरी पीएम मोदी के ‘आयुष्मान भारत प्रॉजेक्ट और नैशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम बनाने के फैसले से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने इसे सही दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया। नोरी और भंडारी दोनों ने कहा कि कैंसर के खतरे से निपटने के लिए अर्ली डिटेक्शन और हेल्थ एजुकेशन का तेजी से प्रसार बहुत जरूरी है। दोनों ही डॉक्टरों को अमेरिका में प्रवासियों को दिए जाने वाले सबसे बड़े नागरिक सम्मान एलिस आइलैंड मेडल ऑफ ऑनर से नवाजा जा चुका है।
दोनों विशेषज्ञों ने सरकार को दिए हैं कई अहम सुझाव
दोनों ही डॉक्टर भारत में कैंसर (Cancer tsunami) की चुनौती से निपटने की दिशा में काम कर रहे हैं। डॉक्टर नोरी इसके लिए भारत सरकार से कई सिफारिशें की हैं। दूसरी तरफ डॉक्टर भंडारी इसके शुरुआती चरण में ही पहचान के लिए ब्लॉक चेन, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसे नए आईटी टूल्स पर काम कर रही हैं। भारत में कैंसर के सबसे ज्यादा मामलों के पीछे मुख्य वजह तंबाकू है। उन्होंने कहा, ‘मैं नैशनल कैंसर रजिस्ट्री बनाने और आयुष्मान भारत प्रोग्राम से बहुत खुश हूं। दोनों डॉक्टरों ने सरकार को कैंसर हॉटलाइन बनाने, रिजनल कैंसर सेंटर और ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर जैसे तेजी से बढ़ रहे रोगों के लिए टास्क फोर्स बनाने जैसे कई सुझाव दिए हैं। (एजेंसी)