Welcome Distillery Chhattisgarh : कोटा विकासखंड के छेरकाबांधा स्थित वेलकम डिस्टलरी पर अब प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। भूजल दोहन शुल्क के 90 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि को लेकर फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज प्रशासन को संतोषजनक नहीं लगे। तहसीलदार शिल्पा भगत अब कुर्की की तैयारी में हैं, और सोमवार तक सीधी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
प्रशासन ने मांगे थे दस्तावेज, जवाब अधूरा
वेलकम डिस्टलरी को हाई कोर्ट में लंबित मामले से जुड़े दस्तावेज पेश करने का नोटिस दिया गया था। लेकिन शुक्रवार को प्रस्तुत किए गए कागजों में न तो किसी वैध अदालती रोक का उल्लेख था और न ही भूजल दोहन की कानूनी अनुमति का कोई स्पष्ट साक्ष्य (Welcome Distillery Chhattisgarh)मिला। इससे साफ है कि अब तहसील प्रशासन वसूली और कुर्की की दिशा में बढ़ चुका है।
1993 से चल रही फैक्ट्री, पर 1998 के बाद कोई अनुबंध नहीं
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, वेलकम डिस्टलरी 1993 से संचालित है, लेकिन जल संसाधन विभाग से आवश्यक अनुबंध केवल 1998 तक ही सीमित रहा। इसके बाद से आज तक का कोई वैध समझौता या शुल्क जमा नहीं किया गया। इसी आधार पर 89 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली तय की गई है।
पर्यावरणीय उल्लंघन भी सवालों के घेरे में
सिर्फ पैसों की नहीं, पर्यावरण की कीमत भी चुकानी पड़ सकती है। फैक्ट्री पर आरोप है कि उसने वन भूमि पर कब्जा कर अपशिष्ट जल जमा किया और स्थानीय जल स्रोतों को प्रदूषित (Welcome Distillery Chhattisgarh)किया। कोटा एसडीएम की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि फैक्ट्री ने शासकीय भूमि पर अवैध नालियाँ बनाईं और स्लज (कचरा जल) तालाबों में छोड़ा, जिससे पेयजल तक दूषित हो गया।
शिकायत कहां से शुरू हुई थी?
यह पूरा मामला सुशासन तिहार के दौरान उठाया गया था। स्थानीय सरपंच प्रतिनिधि ने आरोप लगाया था कि फैक्ट्री का दूषित जल तालाबों में छोड़ा जा रहा है, जिससे पानी पीने लायक नहीं बचा और कई मवेशियों की मौत भी हो चुकी है।
प्रशासन का वर्जन
“फैक्ट्री प्रबंधन से दस्तावेज मांगे गए थे, पर संतोषजनक जानकारी नहीं दी (Welcome Distillery Chhattisgarh)गई। कुर्की कार्रवाई की तैयारी चल रही है।”
— शिल्पा भगत, तहसीलदार, रतनपुर