इस बार शहर के बड़े कैटरर्स और इवेंट प्लानर्स शादी के बुफे को देसी विद मॉडर्न टच दे रहे हैं। एक तरफ खाने के मेन्यू में पारंपरिक व्यंजन शामिल किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हें परोसने के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है (Wedding Food QR Buffet Trend Raipur 2025)। मेहमानों को बुफे में खड़े रहकर खाना लेने की बजाय क्यूआर कोड से अपनी पसंद का खाना ऑर्डर करने की सुविधा दी जा रही है। शाही पकवानों के बीच पारंपरिक व्यंजनों में बाजरे की खिचड़ी, मालपुआ और मलाई मिश्री जैसे पकवान भी शामिल किए जा रहे हैं।
क्यूआर कोड स्कैन करते ही मेन्यू लिस्ट ओपन
कुछ ऐसी भी शादियां हो रही हैं, जिसमें अपने गेस्ट को भीड़ से बचाने के लिए क्यूआर कोड से खाना परोसा जाने लगा है (Wedding Food QR Buffet Trend Raipur 2025)। यानी कि बुफे सिस्टम में थाली लेकर लाइन में लगने की बजाय अपने टेबल पर ही बैठकर क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। स्कैन करते ही पूरा मेन्यू ओपन होगा और अपनी पसंद का खाना सिलेक्ट करते ही वेटर टेबल पर सर्व करेगा।
इवेंट प्लानर परमजीत खत्री का कहना है कि यह प्रीमियम सर्विस है, जिसके कारण शादी का बजट थोड़ा बढ़ जाता है, लेकिन रायपुर में कई बड़ी शादियों में इनकी बुकिंग हो रही है। हर टेबल में क्यूआर कोड और टेबलेट रखा होता है। कैटरिंग मैनेजर भी ऑनलाइन होता है, जिससे पता चलता रहता है कि किस टेबल के गेस्ट कौन-सा डिश ऑर्डर कर रहे हैं (Wedding Food QR Buffet Trend Raipur 2025)। सिलेक्ट करते ही 5 से 10 मिनट में खाना टेबल तक पहुंच जाता है। इस टेक्नोलॉजी से खाना की बर्बादी भी रुक रही है।
फूड में कल्चर भी
शादी के खाने में पहले मारवाड़ी या साउथ इंडियन डिश ज्यादा होते थे, लेकिन अब दूसरे राज्यों के फूड स्टॉल भी बनाए जा रहे हैं (Wedding Food QR Buffet Trend Raipur 2025)। छोटे हटनुमा स्टॉल बनाकर उन राज्यों की संस्कृति भी दिखाई जा रही है। कैटरर्स विजय शर्मा का कहना है कि—
छत्तीसगढ़ी स्टॉल में वेटर छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में चीला-फरा परोसते हैं।
मुंबइया स्टाइल स्टॉल में टोपी पहनकर वड़ा और मिसल पाव सर्व होते हैं।
ओडिशा के स्टॉल में दालमा या छेना पेड़ा।
मालवांचल में दाल-बाफला।
कोलकाता में झालमुरी और काठी रोल जैसे पकवान सर्व किए जा रहे हैं।
मिठाई में नए प्रयोग
शादियों में मिठाई के अलग स्टॉल होते हैं, जिनमें 12 से 25 प्रकार की मिठाइयाँ रखी जाती हैं। डिमांड ज्यादा हो तो यह संख्या और बढ़ जाती है। इस सीजन गाजर का हलवा, रसमलाई, शाही टुकड़ा के साथ 24 कैरेट गोल्ड लेयर वाली अफगानी और टर्किश मिठाइयाँ भी लोकप्रिय हैं। इसके अलावा देसी मिठाइयों—मालपुआ, सौंठ के लड्डू और मलाई मिश्री—को भी खास जगह दी जा रही है।

