रायपुर/नवप्रदेश। यदि मौसम (weather) संबंधी स्थितियां सामान्य रहीं तो छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में मानसून (monsoon) 13 से 15 जून के बीच बस्तर के रास्ते दस्तक दे सकता है। रायपुर मौसम (weather) केंद्र के वैज्ञानिक एचपी चंद्रा के मुताबिक अभी अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनता दिखाई दे रहा है।
यह जितने जल्दी खत्म होगा उतने ही जल्दी मानसून (monsoon) आगे बढ़ेगा। चंद्रा ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक केरल में मानसून के अपने तय समय यानी 1 जून को दस्तक देने के आसार हैं।
पिछले वर्ष का घटनाक्रम दे रहा गवाही
लेकिन केरल से मानसून को छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के बस्तर पहुंचने में 8 से 10 दिन लग जाते हैं। वहीं रायपुर में यह 13 से 15 जून के बीच आता है। पिछले साल भी अरब सागर में जो कम दबाव का क्षेत्र बना था उससे केरल में तो समय पर बारिश हुई लेकिन देश के विभिन्न राज्यों में इसके पहुंचने में देरी हुई। इसलिए समय पर मानसून पहुंचने के लिए इस कम दबाव के क्षेत्र का खत्म होना जरूरी है।
इस साल अल नीनो नहीं
चंद्रा के मुताबिक इस साल अल नीनो इफेक्ट नहीं रहेगा, जो पिछले साल देखने को मिला था। वहीं ला नीनो अगस्त केे लास्ट वीक में सक्रिय होगा, जिससे इस साल एक बार बारिश शुरू होने पर इसके लगातार जारी जारी रहने के आसार हैं। मानसून ब्रेक की स्थिति नहीं होगी, जैसा कि पिछले साल देखने को मिला था। भारतीय मौसम विभाग बता चुका है इस साल वर्षा वाले दिनों की संख्या अधिक रहेगी।
समझें अल नीनो व ला नीनो को
अल नीनो की स्थिति तब बनती है जब समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक होता है। इस स्थिति में बारिश कम होती है। जबकि ला नीनाे की स्थिति तब बनती है जब समुद्र का तापमान सामान्य से कम होता है। इस स्थिति में अच्छी बारिश होती है। वहीं जब समुद्र का तापमान सामान्य होता है तब उस स्थिति को न्यूट्रल कंडिशन कहते हैं। इस स्थिति में भी बारिश सामान्य होती है।