-केंद्र सरकार ने सात दिन पहले एनडीआरएफ की 9 टीमें केरल भेजी थीं
-केरल सरकार ने समय पर कोई कदम नहीं उठाया
नई दिल्ली। Wayanad landslide: केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण लगभग 158 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग लापता हैं। इस घटना का मुद्दा बुधवार (31) को राज्यसभा में भी उठा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सदन को सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। साथ ही केरल सरकार को भी निशाने पर रखा। गृहमंत्री शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 23 जुलाई को एनडीआरएफ की 9 टीमें केरल भेजी थीं, लेकिन केरल सरकार ने लोगों को निकालने के लिए कुछ नहीं किया।
केरल सरकार ने समय पर कार्रवाई नहीं की: अमित शाह
सदन में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने सबसे पहले भूस्खलन के कारण जान गंवाने वाले परिवारों के प्रति शोक व्यक्त किया। साथ ही हॉल में इस आपदा के बारे में कुछ जानकारी भी बताई गई। गृहमंत्री शाह ने कहा कि 23 तारीख को एनडीआरएफ की 9 टीमें केरल भेजी गईं।
केंद्र सरकार ने 23 जुलाई को केरल सरकार को चेतावनी (Wayanad landslide) दी थी। केरल सरकार को 23, 24 और 25 जुलाई को अग्रिम सूचना भी दी गई थी। हमने पहले ही कहा था कि 26 जुलाई को 20 मिमी से अधिक बारिश होगी, जिससे भूस्खलन हो सकता है। इस घटना में लोगों की जान जा सकती है। केरल सरकार ने क्या किया? वायनाड के लोगों ने पलायन नहीं किया। अगर वे पलायन कर गए होते तो इतने लोगों की जान नहीं जाती।
कोई भी राज्य अपने विवेक के अनुसार एसडीआरएफ में 10 प्रतिशत राशि खर्च कर सकता है। आपदा के नाम पर 10 फीसदी खर्च होता है तो कोई नहीं पूछता, लेकिन गाइडलाइन के मुताबिक 90 फीसदी खर्च करना होता है। पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार को 23 जुलाई को संभावित भूस्खलन (Wayanad landslide) के बारे में सतर्क किया गया था, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। यह समय राजनीति का नहीं है। यह समय केरल के लोगों और उसकी सरकार के साथ खड़े होने का है। नरेंद्र मोदी सरकार केरल के लोगों और विजयन सरकार के साथ मजबूती से खड़ी है।
वायनाड भूस्खलन पर क्या बोले राहुल गांधी?
वायनाड में हुआ हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सेना अच्छा कर रही है। ऐसे कठिन समय में वायनाड के लोगों के साथ खड़ा होना जरूरी है। मैं सरकार से तुरंत मदद करने का अनुरोध करता हूं। वायनाड में यह दूसरी बार ऐसा हादसा हुआ है। ऐसी ही घटना 5 साल पहले हुई थी। इस क्षेत्र में पर्यावरण की समस्या है इसलिए इस पर ध्यान दिया जाए और जो भी हाईटेक उपाय किए जा सकते हैं वो किए जाएं, ऐसी मांग वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में की।