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वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश; कांग्रेस-SP-MIM का विरोध और JDU-शिवसेना का समर्थन

Wakf Amendment Bill introduced in Lok Sabha; Congress-SP-MIM oppose it and JDU-Shiv Sena support it

wakf amendment bill

-संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने आज लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया

नई दिल्ली। wakf amendment bill: पिछले कुछ दिनों से देश में वक्फ बोर्ड को लेकर काफी चर्चा हो रही है। कहा गया कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन करने जा रही है। इसके अनुरूप आज (8वें) संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 लोकसभा में पेश किया है। इस बिल का नीतीश कुमार की जेडीयू ने समर्थन किया है, लेकिन कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और एमआईएम समेत सभी विपक्षी दलों ने बिल को असंवैधानिक बताते हुए इसका विरोध किया है।

वक्फ बिल मुस्लिम विरोधी नहीं- ललन सिंह

जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने संसद में वक्फ बिल का समर्थन किया है। ललन सिंह ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि यह बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है। विरोधी मंदिर की बात कर रहे हैं, मंदिर की बात कहां से आ गयी? मूलत: जब कोई संस्था निरंकुश हो जाती है तो सरकार उस पर नियंत्रण रखने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाती है। यह सरकार का अधिकार है। यह बिल पारदर्शिता के लिए है। जिन्होंने सिखों को मारा, वे आज अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं। इस बिल में मस्जिद के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। उन्होंने जवाब दिया कि वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता जरूरी है।

शिवसेना (शिंदे गुट) इस बिल का समर्थन करती है

शिवसेना (शिंदे गुट) सांसद श्रीकांत शिंदे ने वक्फ बिल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जाति-धर्म के नाम पर बिल का विरोध कर रहे हैं। विधेयक का लक्ष्य पारदर्शिता और जवाबदेही है। विपक्षी दल इस बिल के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इस देश में एक अलग कानून की आवश्यकता क्यों है?

कांग्रेस इस बिल का विरोध करती है

यह विधेयक संविधान पर मौलिक हमला है। विधेयक में प्रावधान है कि गैर-मुस्लिमों को भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल का सदस्य होना चाहिए। यह धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। इसके अलावा आप इस बिल के माध्यम से ईसाई धर्म, जैन धर्म, विभिन्न धर्मों में हस्तक्षेप करेंगे। भारत के लोग अब ऐसी विभाजनकारी राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम भी हिंदू हैं, लेकिन दूसरे धर्मों की मान्यताओं का सम्मान करते हैं। यह बिल महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के लिए पेश किया जा रहा है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने आलोचना करते हुए कहा कि आपको अभी तक समझ नहीं आया कि लोकसभा में जनता ने आपको सबक सिखाया।

औवैसी का सरकार पर हमला…

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नियम 72 (2) के तहत विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान की मूल भावना पर हमला है। वक्फ बिल बिना चर्चा के लाया गया है। हिंदू पूरी संपत्ति अपने बेटे या बेटी को दे सकते हैं, लेकिन हम केवल एक तिहाई ही दे सकते हैं।

यदि हिंदू संगठनों और गुरुद्वारा प्रबंधन समितियों में अन्य धर्मों के सदस्य शामिल नहीं हैं, तो वक्फ क्यों? यह बिल हिंदू और मुसलमानों के बीच भेदभाव करने वाला है। वक्फ संपत्ति सार्वजनिक संपत्ति नहीं है। यह सरकार दरगाह और अन्य संपत्तियों को हड़पना चाहती है। मुसलमानों की संपत्ति हड़पने की कोशिश की जा रही है। औवेसी ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं, आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।

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