छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के पहले चरण में बड़ा खुलासा सामने आया है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार इन राज्यों में करीब साढ़े छह करोड़ मतदाताओं के नाम मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है। यह पूरी प्रक्रिया मतदाता सूची सुधार अभियान (Voter List Revision India) के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिरहित और पारदर्शी बनाना है।
चुनाव आयोग के अनुसार हटाए गए मतदाताओं में वे लोग शामिल हैं जो मृत पाए गए, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं, दो अलग-अलग स्थानों पर पंजीकृत हैं या फिर गणना के दौरान अनुपस्थित रहे। इन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर शुरू होने से पहले कुल मतदाता संख्या लगभग 51 करोड़ थी, जिसमें से पहले चरण में ही साढ़े छह करोड़ नाम हटना प्रशासनिक स्तर पर बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
अंडमान निकोबार और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कटौती
राज्यवार आंकड़ों पर नजर डालें तो अंडमान निकोबार में सबसे अधिक 20.65 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 18.72 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जहां करीब 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम मसौदा सूची से बाहर किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में 27.34 लाख मतदाताओं के नाम हटे हैं, जो कुल मतदाताओं का 12.90 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल में 58.20 लाख, तमिलनाडु में 97.37 लाख और गुजरात में 73.73 लाख मतदाता इस सूची से बाहर किए गए हैं।
11 राज्यों की मसौदा सूची जारी, यूपी की 31 दिसंबर को
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की मसौदा मतदाता सूची जारी कर दी गई है, जबकि उत्तर प्रदेश की मसौदा सूची 31 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। आयोग ने यह भी साफ किया है कि यह सूची अंतिम नहीं है। यदि किसी मतदाता का नाम गलत तरीके से कट गया हो या किसी अयोग्य व्यक्ति का नाम जुड़ गया हो, तो वह दावे-आपत्तियों के जरिए सुधार करा सकता है।
23 दिसंबर से 14 फरवरी तक दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया
चुनाव आयोग के मुताबिक जिन 11 राज्यों में मसौदा सूची जारी हो चुकी है, वहां 23 दिसंबर से 14 फरवरी तक दावे-आपत्तियों पर सुनवाई और सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद 21 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। आयोग ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाएं और बूथ लेवल एजेंट (BLA) के माध्यम से मतदाता सूची में गड़बड़ियों को सामने लाएं।
बाकी 23 राज्यों में भी SIR की तैयारी शुरू
इन 12 राज्यों में चल रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Voter List Revision India) के साथ ही चुनाव आयोग ने देश के बाकी 23 राज्यों में भी इस प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें ओडिशा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, झारखंड और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसरों (BLO) को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और खुद मुख्य चुनाव आयुक्त इस प्रशिक्षण प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, 12 राज्यों में एसआईआर का काम पूरा होते ही चुनाव आयोग शेष राज्यों में भी मतदाता सूची पुनरीक्षण की औपचारिक घोषणा करेगा। आयोग का लक्ष्य इसी वर्ष पूरे देश में मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध करना है, ताकि आगामी चुनावों में किसी भी तरह की अनियमितता न रहे।
किस राज्य में कितने मतदाताओं के नाम हटाए गए
राज्य/केंद्रशासित प्रदेश हटे मतदाता कुल मतदाता प्रतिशत
उत्तर प्रदेश 2.89 करोड़ 15.44 करोड़ 18.72%
मध्य प्रदेश 42.74 लाख 5.74 करोड़ 7.45%
छत्तीसगढ़ 27.34 लाख 2.12 करोड़ 12.90%
राजस्थान 41.85 लाख 5.47 करोड़ 7.65%
पश्चिम बंगाल 58.20 लाख 7.66 करोड़ 7.60%
तमिलनाडु 97.37 लाख 6.41 करोड़ 15.19%
गुजरात 73.73 लाख 5.08 करोड़ 14.51%
केरल 24 लाख 2.79 करोड़ 8.60%
गोवा 1 लाख 11.85 लाख 8.44%
पुडुचेरी 1.03 लाख 10.22 लाख 10.08%
अंडमान निकोबार 64 हजार 3.10 लाख 20.65%
लक्षद्वीप 1429 57.80 हजार 2.47%

