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Voter List Revision : छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची से बड़ी कटौती, 27.34 लाख नाम हटे

Voter List Revision

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चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के दूसरे चरण के विशेष सघन पुनरीक्षण के तहत मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल और केंद्र शासित अंडमान व निकोबार द्वीप समूह की मसौदा मतदाता सूची (Voter List Revision) जारी कर दी है। इस प्रक्रिया में कुल 92.54 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।

यह कटौती मृत, स्थानांतरित और दोहरे मतदाताओं की पहचान के बाद की गई है। यह पूरा अभ्यास मतदाता सूची पुनरीक्षण (Voter List Revision) को अधिक पारदर्शी और शुद्ध बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 42.74 लाख मतदाताओं के नाम मध्य प्रदेश में हटाए गए हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 27.34 लाख और केरल में 22.46 लाख मतदाताओं के नाम मसौदा सूची से बाहर किए गए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने और फर्जी या अमान्य प्रविष्टियों को हटाने के उद्देश्य से की गई है।

प्रतिशत के लिहाज से देखें तो छत्तीसगढ़ में मृत, स्थानांतरित और दोहरे मतदाताओं का अनुपात अन्य राज्यों की तुलना में अधिक (Voter List Revision) सामने आया है। राज्य में कुल 2.12 करोड़ मतदाताओं में से करीब तीन प्रतिशत मृत, नौ प्रतिशत स्थानांतरित और एक प्रतिशत दोहरे मतदाता पाए गए हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि यहां 87 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने गणना फार्म समय पर जमा किए हैं, जिससे वास्तविक मतदाताओं की भागीदारी बनी हुई है।

मध्य प्रदेश में कुल 5.74 करोड़ मतदाताओं में से 8.46 लाख मृत, 31.51 लाख स्थानांतरित और 2.77 लाख दोहरे मतदाता पाए गए हैं। इस तरह यहां 92.55 प्रतिशत मतदाताओं ने गणना फार्म जमा कराए हैं।

वहीं केरल में कुल 2.78 करोड़ मतदाताओं में से 6.49 लाख मृत, 14.61 लाख स्थानांतरित और 1.36 लाख दोहरे मतदाता सामने आए हैं। केरल में भी 91.35 प्रतिशत मतदाताओं ने गणना फार्म भरकर प्रक्रिया में सहयोग किया है।

केंद्र शासित अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कुल 3.10 लाख मतदाताओं (Voter List Revision) में से करीब 64 हजार मतदाता प्रारंभिक सूची में शामिल नहीं हो पाए। चुनाव आयोग ने इन आंकड़ों को भी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया है ताकि वे जमीनी स्तर पर सत्यापन कर सकें और किसी प्रकार की त्रुटि को समय रहते सामने लाया जा सके।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मसौदा सूची (Voter List Revision) अंतिम नहीं है। राजनीतिक दल और आम नागरिक 22 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। आयोग का कहना है कि इस दौरान किसी भी योग्य मतदाता का नाम यदि गलती से हट गया है, तो उसे फिर से शामिल कराने का पूरा अवसर दिया जाएगा। हटाए गए मतदाता संबंधित मतदाता पंजीकरण अधिकारी के समक्ष आवेदन कर सकते हैं, जिन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

आयोग के अनुसार, स्थानांतरित मतदाताओं की सूची में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो दूसरे राज्यों में मतदाता बन चुके हैं या फिर सत्यापन के दौरान अपने पते पर उपलब्ध नहीं पाए गए। कुछ ऐसे लोग भी सामने आए हैं जो किसी कारणवश मतदाता के रूप में पंजीकरण के इच्छुक नहीं थे। इसीलिए दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया को लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

चुनाव आयोग ने यह भी साफ किया है कि सभी दावे-आपत्तियों के निपटारे के बाद 14 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। आयोग ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय सहयोग करें ताकि कोई भी योग्य मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रहे और चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे।

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