कोरिया, 17 अप्रैल 2023। प्राकृतिक जल स्रोेतों के जीर्णोधार के लिए सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। नरवा विकास के तहत कोरिया जिले के वनांचल सोनहत में स्थित ग्राम बंशीपुर का जोरान नाला अब एक आकर्षक जल स्रोत बन गया (Manrega news) है।
यहां पुराने स्टापडेम से गाद निकासी करते हुए स्थानीय ग्रामीणों के उपयोग के लिए एक निर्मला घाट बनाया गया है जिससे पूरे गांव को दैनिक निस्तार में आसानी होने लगी है और जोरान नाले में लगभग एक किलोमीटर दूर तक बैकवाटर भर गया है जिससे पूरे क्षेत्र में जलस्तर में वृद्धि हो रही है। नरवा विकास के तहत कोरिया एवं एमसीबी जिले में हो रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते (Manrega news) हुए।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नम्रता जैन ने बताया कि सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत नरवा विकास के लिए कोरिया एवं एमसीबी जिले के पांचों जनपद पंचायतों के अंतर्गत 74 नदी नालों का चिन्हांकन किया गया है। इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी 51 नरवा विकास के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करायी गई (Manrega news) है।
इस विस्तृत कार्य योजना अंतर्गत सभी 51 नरवा में बारहमासी जल संरक्षण व उसके आस पास के क्षेत्रों में मृदा संरक्षण के साथ जल संचय के अलग-अलग 582 इकाई कार्य लिए गए हैं। इन इकाई कार्यों के अंतर्गत छोटे बड़े लगभग 8 हजार 537 कार्यों को लिया गया है। दोनों जिलों को मिलाकर लगभग 200 किलोमीटर लंबाई में बहने वाले 51 नालों के कुल 46 हजार 523 हेक्टेयर कैचमेंट एरिया के विकास कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
इन स्वीकृत कार्यों में से अब तक 250 से ज्यादा कार्य पूरे कराए गए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। उन्होंने बताया कि सोनहत के ग्राम बंशीपुर में बहने वाले जोरान नाले को भी नरवा विकास के तहत लिया गया है और वहां लगभग दो दशक पूर्व बने स्टापडैम से किचड़ एवं गदगी निकासी कर उसे ग्रामीणों के लिए उपयोगी बनाया गया है।
ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर वहां ग्रामीणों के दैनिक निस्तार के लिए एक निर्मला घाट भी बनाया गया है जिसका लाभ आम ग्रामीण ले रहे है।
नरवा विकास के तहत हुए इस कार्य के बारे में ग्राम पंचायत बंशीपुर के ग्रामीण श्री जय लाल, मोहित और रामप्रकाष ने बताया कि जोरान नाला हमारे गांव के उपर स्थित पहाड़ी बदरा खोह से निकलता है और यहां बारहमासी पानी आता रहता है। परंतु देख रेख की कमी से इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा था।
ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर बीस साल पहले जल संसाधन विभाग से एक स्टापडेम बनाया गया था पर निरंतर किचड़ एवं गदगी भरने के कारण यह पूरी तरह से अनुपयोगी हो गया था। ग्राम पंचायत के माध्यम से यह कार्य पूरा कराया गया है। अब जोरान नाले में लगभग एक किलोमीटर पीछे तक भरपूर पानी रूकने लगा है।
गांव में नीचे के खेतों में नमी बढ़ गई है। ग्रामीणों ने उत्साह से बताया कि आने वाले साल से लगभग 32 एकड़ में दोनों फसल खेती करेंगे। मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी सोनहत श्री प्रतीक जायसवाल ने बताया कि जोरान नाले को नरवा विकास के क्लस्टर दो के अंतर्गत चिन्हांकित किया गया है। एक इकाई कार्य के तहत विकसित किए जा रहे जोरान नाला में बारहमासी जल भराव के लिए इसके कैचमेंट एरिया में 3 हजार से ज्यादा कंटूर टेंªच, 329 लूज बोल्डर चेक,
10 गली प्लग, एक गेबियन संरचना, 30-40 माडल की 100 संरचनाएं, किचड़ एवं गदगी निकासी कार्य, 2 कूप निर्माण तथा कई भूमि समतलीकरण जैसी कुल 4225 संरचनाओं को लिया गया है और आने वाले बारिष के पहले इसके सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। इससे यह नाला एक बारहमासी नाले के तौर पर आम ग्रामीणों के लिए और भी उपयोगी साबित होगा।