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ग्राम-सुधार ही एकमात्र विकल्प… ये देखने गए CM और RG के रणनीतिक सलाहकार

Village reforms is the only option... Strategic advisor to CM and RG went to see this

Rural Industrial Park

गौठानों में बनाए गए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में आत्मनिर्भर बन रही हैं ग्रामीण महिलाएं

रायपुर/नवप्रदेश। Rural Industrial Park : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि भारत की स्थितियों में स्थायी रूप से सुधार के लिए ग्राम-सुधार ही एकमात्र विकल्प है। उनके उसी सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए चलाई जा रही सुराजी गांव योजना। मंगलवार को सीएम भूपेश बघेल के साथ राहुल गाँधी (RG) के सलाहकार सचिन राव गरूवा घटक के अंतर्गत पारागांव में बनाए गए गौठान का निरीक्षण किया। उन्होंने स्व-सहायता समूहों द्वारा गौठानों में स्थापित किए गए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में की जा रही आर्थिक गतिविधियों का जायजा लिया।

पारागांव के गौठान (Rural Industrial Park) में निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल और श्री राव ने महिला समूहों द्वारा किए जा रहे मुर्गी पालन, बकरी पालन, सब्जी उत्पादन, चारागाह विकास, साबुन और फिनाइल निर्माण, मिट्टी के सजावटी समान और दिया निर्माण की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री से पारागांव गौठान समिति की महिलाओं ने चर्चा करते हुए बताया कि यहां 5 स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं, जिसमें 3 समूह बाड़ी विकास, एक समूह कुक्कुट पालन एवं एक समूह बकरी पालन का कार्य कर रही है।

सरकार द्वारा उपलब्ध भूमि पर सब्जियों की खेती

जय मां गंगा समूह की सदस्य मिथिला निषाद ने बताया कि उनके समूह को बाड़ी विकास कार्यक्रम के लिए शासन द्वारा 3 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी है, जिसमें समूह के सदस्यों के द्वारा कद्दू, भिन्डी, बरबट्टी, लौकी और सेमी की सब्जियां लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि 35 हजार की लागत में उन्हें लगभग 75 हजार रुपए का लाभ हुआ है। बाड़ी विकास के साथ ही 2 एकड़ जमीन पर समूह की सदस्यों द्वारा गोधन के लिए हरा चारा नेपियर घास का भी उत्पादन किया जा रहा है। हरा चारा का गौठान में उपयोग के पश्चात अन्य समूहों को बेचकर समूह की महिलाओं ने लगभग 56 हजार रुपए का लाभ कमाया।

गोबर से तैयार पाउडर किया भेंट

निरीक्षण (Rural Industrial Park) के दौरान दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को गोबर के पाउडर से बने दिए। गमले एवं अन्य कलाकृतियां दिखायी। समूह की महिलाओं ने बताया कि दीपावली पर्व के लिये 10 हजार दिए बनाने का ऑर्डर मिला है। महिला सदस्यों ने बताया कि एक सदस्य के द्वारा एक दिन में लगभग 500 दिए बनाये जाते हैं, जिसका मूल्य ढाई रुपये प्रति नग तय किया गया है। समूह की महिलाओं ने कहा कि सरकार द्वारा चलायी जा रही रोजगारपरक योजनाओ से महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही है।

मुख्यमंत्री ने श्री राव को वर्मी कम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया से अवगत कराते हुए बताया कि समूह की सदस्यों के द्वारा पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी की जाती है, जिससे 50 से 60 दिन में वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर लिया जाता है, जो किसानों को समूह के द्वारा 10 रुपये प्रति किलोग्राम के दर से उपलब्ध कराया जाता है।

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