रायपुर/नवप्रदेश। Congress vs BJP : केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच तकरार विभिन्न मुद्दों पर निरंतर जारी है। केंद्र सरकार के नुमाइंदे भले ही राज्य सरकार की योजनाओं की तारीफ करें, लेकिन विपक्ष की भूमिका निभाते हुए भाजपा राज्य सरकार की तारीफ कैसे कर सकती है। ये सबसे बड़ी विडंबना है।
ऐसा नहीं हो सकता कि किसानों से जुड़े मुद्दे राजनीतिक धुरी पर न हों। पिछली सरकार में भी था और इस सरकार में भी है। अब छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए राज्य सरकार लगातार कई योजनाएं बनाकर उन्हें लाभ दिलाने के लिए जोर आजमाइश कर रही है। कुछ बातें केंद्र सरकार के पाले में होता है,ऐसे में राज्य सरकार को केंद्र सरकार के निर्णय का केवल इंतजार करना पड़ता है।
किसानों ने बड़े ही मेहनत से अपने-अपने खेतों में धान बो दिया और अब कटने की बारी है। कुछ ही दिनों बाद प्रदेश सरकार केंद्र द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान किसानों से खरीदेगी। उसके पहले ही प्रदेश का विपक्ष सरकार पर धान खरीदी को लेकर हावी होता नजर आ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि धरमलाल कौशिक बतायें कि धान खरीदी में बाधा डालने की भाजपा की और क्या-क्या तैयारी है? मोदी सरकार और क्या-क्या किसान विरोधी कदम उठाने जा रही है ताकि उसकी भी तैयारी छत्तीसगढ़ के किसान की जा सकें। ऐसे बयान देकर और किसानों के हित में काम कर रही छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगाकर धरमलाल कौशिक किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा (Congress vs BJP) की केंद्र सरकार ने हर छत्तीसगढ़ विरोधी, किसान विरोधी, धान विरोधी कदम उठाकर देख तो लिया। 2018-19 में किसानों को 2500 रुपए धान का दाम छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने दिया, इस पर भाजपा की केंद्र सरकार ने रोक लगाई। 2019-20 वर्ष में पहले 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आदेश देकर बाद में राजनैतिक कारणों से छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल खरीदी से इंकार किया। जब राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिला तो जो चावल खरीदी का 60 लाख टन कोटा का भाजपा की केन्द्र सरकार ने घटा दिया।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को परेशान करने के लिए आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए चावल लेने पर यह रोक भाजपा की केंद्र सरकार ने लगायी। भाजपा की केंद्र सरकार ने जब छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल नहीं खरीदा और जब छत्तीसगढ़ सरकार ने चावल से एथेनाल बनाकर किसानों के उत्पाद के उपयोग का एक बेहतर रास्ता निकाला जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और आम लोगों को सस्ता ईंधन मिलेगा तो केंद्र सरकार ने इथेनाल प्लांट की अनुमति देने से इंकार कर रही है।
संचार प्रमुख त्रिवेदी ने कहा है कि 2020-21 में बारदाना सप्लाई में बाधा केंद्र की भाजपा सरकार (Congress vs BJP) द्वारा डाली गई। धरमलाल कौशिक के बयान से स्पष्ट है कि इस साल फिर से बारदाना देने पर रोक लगाने की तैयारी कर ली गई है। 2020-21 में धान उगाने वाले किसानों को खाद मिलने में अड़चन केवल भाजपा की केंद्र सरकार के कारण हुई है। 11.50 लाख खाद की मांग छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किया था जुलाई-अगस्त में खाद की ज्यादा जरूरत होती है। उसमें से सिर्फ 6.5 लाख ही खाद केंद्र की भाजपा सरकार ने दिया।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन ने कहा है कि धरमलाल कौशिक को बताना चाहिये कि मोदी सरकार क्या-क्या किसान विरोधी कदम उठाने जा रही है ताकि उसकी भी तैयारी छत्तीसगढ़ के किसान कर सकें। किसान विरोधी तीन काले कानूनों और स्वामिनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं करने की अगली कड़ी में क्या है?