Mini Mata : पूरे राज्य में मनाया गया ‘मिनिमाता स्मृति दिवस’
रायपुर/नवप्रदेश। Mini Mata : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ’मिनीमाता स्मृति दिवस’ के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश ने अपने निवास कार्यालय में पूर्व सांसद मिनीमाता के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में नगरीय विकास मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया,कार्यक्रम स्थल पर गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति समिति के अध्यक्ष के. पी. खांडे, समिति की संरक्षक एवं राजश्री सदभावना समिति की अध्यक्ष शकुन डहरिया, नगर निगम रायपुर के एमआईसी मेम्बर सुंदर जोगी, चेतन चंदेल सहित अन्य समाज जन उपस्थित थे।
कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता (Mini Mata) की पुण्यतिथि के अवसर पर राजधानी के न्यू राजेंद्र नगर स्थित गुरु घासीदास सांस्कृतिक भवन में गुरु घासीदास साहित्य एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा किया गया।
ममता मयी मिनी माता
मिनीमाता का जन्म में असम के नुवागांव जिले के ग्राम जमुनामुख में हुआ था। इनका मूल नाम मीनाक्षी एवं माता का नाम मतीबाई था। इनका विवाह छत्तीसगढ़ के एक सतनामी समाज के गुरु अगमदास जी से हुआ। विवाहोपरांत पति के साथ राष्ट्रीय आंदोलन, दलितोत्थान एवं समाज सुधार गतिविधियों में भागीदारी की।
वर्ष 1952 पति की मृत्यु के बाद रिक्त संसदीय क्षेत्र सारंगढ़ के उपचुनाव में विजयी होकर छत्तीसगढ़ क्षेत्र की प्रथम महिला सांसद बनी। वर्ष 1952 से 1972 तक लोकसभा में सारंगढ़, जांजगीर तथा महासमुंद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। छत्तीसगढ़ साँस्कृतिक मंडल की मिनी माता अध्यक्षा रहीं। छत्तीसगढ़ कल्याण मज़दूर संगठन जो भिलाई में है, उसकी संस्थापक अध्यक्षा रहीं।
11 अगस्त 1972 को भोपाल से दिल्ली जाते हुए पालम हवाई अड्डे के पास विमान दुर्घटना में मिनीमाता (Mini Mata) की मृत्यु हो गयी। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उनकी पुण्यतिथि ’मिनीमाता स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वहीँ शासन ने उनकी स्मृति में महिला उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनी माता सम्मान का आयोजन वर्ष 2001 से अनवरत कर रही है।
सरकार पुरखों के सपने को पूरा कर रही है-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मिनी माता को प्रणाम कर उनसे प्रदेश की तरक्की के लिए आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि मिनी माता ने जो सपना देखा था आज वो साकार होता नजर आ रहा है। सरकार ने पुरखों के सपने को पूरा करने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज कोरोना संकट काल में भी प्रदेश के किसान और वनांचल साथियों की मेहनत में कोई कमी नहीं आई और सबसे ज्यादा धान का उत्पादन भी किया गया। इसके साथ ही सरकार भी इन सभी के साथ हमेशा कंधे से कन्धा मिलाकर खड़ी है।
मुख्यमंत्री भूपेश ने प्रदेश में लागू किये गए सभी उम्मूलक योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ देशभर में एक अलग ही छाप छोड़ा है,जो मिनी माता के सपनो को पूरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने समाज के वरिष्ठ जनों से कहा कि 18 दिसंबर से मिनी माता के नाम से शुरू होने वाले तीनों योजनाओं को शुरू किया जायेगा, जो कोरोना के कारण रुका हुआ है।