भिलाई/नवप्रदेश। इस वर्ष का वसुंधरा सम्मान (vasundhara samman 2020) वरिष्ठ पत्रकार (senior journalist) एवं संपादक ई.वी. मुरली (e. v. murli) को प्रदान किया जाएगा। कीर्तिशेष देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में स्थापित वसुंधरा सम्मान (vasundhara samman 2020) लोक जागरण के लिए दिया जाता है।
वरिष्ठ पत्रकार (senior journalist) ई. वी. मुरली (e. v. murli) को स्व. देवी प्रसाद चौबे की 44 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 14 अगस्त को 20 वें वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। यह निर्णय रमेश नैयर की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय निर्णायक समिति के द्वारा लिया गया है।
समिति में रूचिर गर्ग, डॉ सुशील त्रिवेदी, गिरीश पंकज, डॉ. रक्षा सिंह एवं अरुण कुमार श्रीवास्तव सदस्य हैं। उक्त जानकारी देते हुए निर्णायक समिति के अध्यक्ष रमेश नैयर, संयोजक विनोद मिश्र एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों एवं शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए पुरस्कार वितरण के लिए किसी सार्वजनिक समारोह का आयोजन नहीं किया जा रहा है।
25 वर्षों से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं ई. वी. मुरली
ई. वी. मुरली (e. v. murli) ने अंग्रेजी से एमए किया है। वे विगत 25 वर्षों से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। इस्पात नगरी भिलाई में जमीनी पत्रकारिता करते हुए उन्होंने पत्रकारिता की बारीकियों को भी सीखा और पत्रकारिता के संस्कार भी अर्जित किए। इस दौरान वे फ्री प्रेस, लोकमत टाइम्स और द हितवाद जैसे अंग्रेजी अखबारों से जुड़े।
मुरली विगत 10 वर्षों से रायपुर के प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक के स्थानीय संपादक हैं। पत्रकारिता में उनके सुदीर्घ योगदान के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उन्हे मधुकर खेर पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
शख्सियतें जिन्हें पहले मिल चुका ये पुरस्कार
वसुंधरा सम्मान आयोजन समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लोक जागरण की पत्रिका वसुंधरा द्वारा प्रदत्त वसुंधरा सम्मान (vasundhara samman 2020) का यह निरंतर 20वां वर्ष है। इसके पूर्व रमेश नैयर, स्व. श्यामलाल चतुर्वेदी, स्व. कुमार साहू, स्व. बसंत कुमार तिवारी, स्व. विनोद शंकर शुक्ल, स्व. शरद कोठारी, स्व. बबन प्रसाद मिश्र, डॉ हिमांशु द्विवेदी, दिवाकर मुक्तिबोध, आशा शुक्ला, गिरिजा शंकर, ज्ञान अवस्थी, श्याम वेताल, अभय किशोर, सुशील त्रिवेदी, गिरीश पंकज, बी.के.एस. रे, प्रकाश दुबे एवं तुषार कांति बोस को यह पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।