डॉ. ओपी त्रिपाठी। Valley Terrorist : पाकिस्तान प्रायोजित आंतकवाद से हमारा देश पिछले काफी सालों से पीडि़त है। ये एक ऐसा दर्द है जो कम होने का नाम ही नहीं लेता है। कश्मीर में धारा-370 हटाने के बाद से काफी हद तक आंतकी घटनाओं में कमी देखने को मिली थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों से फिर से घाटी में आंतकी सिर उठाने लगे हैं।
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की कायराना करतूत के कारण भारत के नौ सैनिक पिछले एक हफ्ते में शहीद हो गए हैं। पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकी भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में लगातार सीमा पर मुठभेड़ हो रही है। आतंकियों द्वारा आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है।
इन घटनाओं में आंतकियों का सफाया (Valley Terrorist) सुरक्षा बल कर रहे हैं। लेकिन दुखद पहलू यह भी है कि आंतकियों से मुठभेड़ में देश के वीर सैनिक भी शहीद हो रहे हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आंतकवाद को लेकर देशभर में नाराजगी और गुस्से का माहौल है। कश्मीर में सुरक्षा बलों का आपरेशन ऑल आउट जारी है। इन सबके बीच टी-20 वल्र्ड कप का आगाज हो चुका है। वल्र्ड कप प्रतियोगिता में भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर चर्चाओं का माहौल गर्म है।
भारत और पाकिस्तान दो साल बाद आपस में कोई इंटरनैशनल मैच खेलने जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच 24 अक्टूबर को ये मैच खेला जाएगा। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों को देखते हुए पाकिस्तान के साथ होने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के मैच को रद्द करने की मांग बढऩे लगी है। सोशल मीडिया पर इस मैच को लेेकर बेहद नाराजगी दिखाई दे रही है। देश के गांव-घरों में तिरंगे में लिपटे ताबूत आ रहे हैं और हम क्रिकेट के चैके-छक्कों पर तालियां बजाएं! एक पूरी पीढ़ी और वर्ग का खून खौल रहा है।
देश भर में आक्रोश महसूस किया जा रहा है। घरों के चिराग बुझ रहे हैं और सुहागिनों की मांग सूनी हो रही है। ऐसे माहौल में हम पाकिस्तान के साथ टी-20 का मैच खेलें! ऐसे में जो देश में आंतकी घटनाओं को अंजाम दे रहा है, क्या उसके साथ क्रिकेट मैच खेलना जरूरी है। सवाल यह भी है कि क्रिकेट का रोमांच जरूरी है अथवा आतंकियों से बदला लेना अनिवार्य और अहम है।
सोशल मीडिया के लगभग सभी मंचों पर ये सवाल पूछा जा रहा है कि आतंकी देश पाकिस्तान के साथ भारत का मैच खेलना क्या मजबूरी है? क्यों न मुहिम चलाई जाए कि समूचा क्रिकेट संसार ही पाकिस्तान की क्रिकेट पर पाबंदियां थोप दे? क्यों न नापाक देश का बहिष्कार किया जाए? क्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कायदे-कानूनों से हम इतने बंधे हैं कि भारत के रणबांकुरों की शहादत को भी नजरअंदाज कर दें? क्या आईसीसी भारतीय क्रिकेट टीम को दंडित कर सकती है? तो फिर राजस्व का क्या होगा?
आईसीसी को 90 फीसदी पैसा भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और प्रचार करने वाली भारतीय कंपनियां ही मुहैया कराती हैं। यदि बीसीसीआई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी और खेल नहीं होगा, तो भारतीय कंपनियां विज्ञापन और प्रायोजन के जरिए करोड़ों रुपए क्यों मुहैया कराएंगी? हम पाकिस्तान की फितरत से आजिज आ चुके हैं। समूचा विश्व जानता है कि पाकिस्तान आतंकवाद और आतंकियों की पनाहगाह है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ही आतंकियों को फंडिंग करती है और फिर जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की साजिशें रचती है।
पाकिस्तान की फितरत ही भारत के प्रति नफरत पर टिकी है। क्रिकेट खेलने वाले देशों के सामने यह सवाल रखा जाना चाहिए कि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमों ने पाकिस्तान में खेलने से इंकार क्यों किया था और वे वापस अपने देश चली गई थीं? श्रीलंका तो पाकिस्तान का पड़ोसी देश है। उसने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने को खारिज क्यों किया? क्या क्रिकेट और आतंकवाद दोनों साथ-साथ चल सकते हैं? बेशक टी-20 विश्व कप की शुरुआत हो चुकी है। मेजबानी भारत कर रहा है, लेकिन मैच संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में खेले जाने हैं।
यह निर्णय कोरोना वायरस के चरम काल के दौरान लिया गया था। 24 अक्तूबर को भारत-पाकिस्तान में मैच होना है, जिसकी उत्तेजना अभी से महसूस की जा रही है। विश्व कप के दौरान शेष देश आपस में जरूर खेलें और अमन-चैन, भाईचारे और दोस्ती की मिसालें कायम करें, लेकिन आतंकिस्तान पाकिस्तान पर सभी देशों को बैन लगा देना चाहिए। विश्व कप में बिखराव बिल्कुल भी नहीं होगा।
बीसीसीआई को आईसीसी और अन्य क्रिकेट देशों को आश्वस्त करना है कि पाकिस्तान के साथ खेलना इंसानियत के खिलाफ और दहशतगर्दी के (Valley Terrorist) समर्थन में खेलने बराबर होगा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) वैसे ही दिवालियापन के हालात में रहता है। उसके चेयरमैन रमीज राजा ने ही सार्वजनिक बयान दिया है-‘प्रधानमंत्री मोदी जब चाहें, तब पीसीबी को बर्बाद कर सकते हैं। भारतीय कंपनियों के पैसे से ही पीसीबी चलता है।
वैसे टीम इंडिया और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बीच क्रिकेट पर बीते 9 साल से ब्रेक लगा हुआ है। इस दौरान टीम इंडिया ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ किसी भी तरह की द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली है। हालांकि, वल्र्ड क्रिकेट को हैंडल करने वाले आईसीसी के टूर्नामेंट्स में भारत और पाकिस्तान के बीच भिड़ंत देखने को मिल जाती है। लेकिन, पिछली बार यह मौका इंग्लैंड में हुए 2019 के वनडे वल्र्ड कप में आया था।
दरअसल, भारत ने राजनीतिक रूप से मजबूत इच्छाशक्ति दिखाते हुए पाकिस्तान और उसकी क्रिकेट टीम की बुरी हालत बना दी है। टीम इंडिया ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012 में खेली थी. वहीं, टीम इंडिया आखिरी बार 2006 में पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। वहीं, टेस्ट मैच की बात की जाए, तो भारत-पाकिस्तान के बीच आखिरी मुकाबला 2008 में खेला गया था।
भारत को आईसीसी वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप-2021 के मद्देनजर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ टेस्ट सीरीज खेलनी थी। लेकिन, भारत ने सख्त तेवर अपनाते हुए मना कर दिया था। भड़के पाकिस्तान ने आईसीसी का दरवाजा खटखटाया और टीम इंडिया की शिकायत की. लेकिन, कोई फायदा नहीं मिला।