Vaishakh Purnima 2024: आज बैसाख पूर्णिमा है। इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। इसी तरह इस दिन पिंपल की पूजा का भी महत्व है, क्योंकि शास्त्रों में इस तिथि को पिंपल पूर्णिमा का नाम भी दिया गया है। हिंदू धर्म में पिंपल वृक्ष का क्या महत्व है, यह बताने की जरूरत नहीं है। तो आइए जानते हैं इस दिन पिंपल पूजा के फायदे।
- इस दिन पिंपल की पूजा से ग्रह दोष और पितृ दोष दूर होता है।
- पिंपल पूर्णिमा के दिन विवाह कार्य को छोड़कर सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इसके लिए गुरु या सूर्य बल देखने की जरूरत नहीं है।
- इस दिन पिंपल (Vaishakh Purnima 2024) की विधिपूर्वक पूजा करने से शनि, बृहस्पति सहित सभी ग्रह शुभ फल देने लगते हैं।
- इस दिन पिंपल का पौधा लगाने से कई प्रकार के दोष दूर होते हैं और बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है।
- शास्त्रों के अनुसार पिंपल देवी लक्ष्मी का प्रिय वृक्ष है। वैशाख पूर्णिमा को वह इसी वृक्ष पर आकर निवास करती हैं।
- इसलिए जो भी इस दिन पिंपल की पूजा करता है उसके घर में धन और समृद्धि आती है।
- इस दिन पिंपल वृक्ष की परिक्रमा का विशेष महत्व है। अश्वत्थोपायन व्रत के संबंध में महर्षि शौनक कहते हैं कि प्रतिदिन शुभ मुहूर्त में पिंपल वृक्ष (Vaishakh Purnima 2024) की तीन बार परिक्रमा करने से दरिद्रता, दुख और दुर्भाग्य दूर होता है। यही कारण है कि लोग पिंपल की पूजा करते हैं और लंबी आयु और समृद्धि प्राप्त करते हैं। कई लोगों को यह भी पता चला है कि पिम्पला की परिक्रमा करने से विवाह जल्दी तय हो जाता है।
इस ग्रह स्थिति का उचित प्रभाव प्राप्त करने के लिए पिंपल के करीब जाने का अवसर न चूकें। इस दिन यदि संभव हो तो गंगा स्नान करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से कुंभ मेले में स्नान करने का पुण्य मिलता है।