नवप्रदेश संवाददाता
उतई। छत्तीसगढ सरकार द्वारा कर्ज मांफी करने से किसान गदगद है और आगामी खेती करने के लिए आतुर नजर आ रहे है ।क्योंकि सरकार द्वारा पच्चीस सौ रुपये क्विंटल समर्थन मूल्य में धान खरीदने की घोषणा से कृषक उत्साहित है और पूर्व में पड़ती पड़े जमीन को भी बोने का मना बनाकर खेती करने आतुर होकर खेती कार्य में जुट चुके है । अधिया व रेगहा पर अब जमीन नहीं मिल रहा है कृषक इस वर्ष स्वयं खेती करने इच्छुक नजर आ रहे है या लगातार कई वर्षों से उनके खेत को बुआई करते है उन्हे ही बुआई करने देने का मन बना चुके है । खरीफ फसल के पूर्व बीज व खाद की तैयारी में किसान सहकारी समिति पहुँच कर बीज खाद व नगद राशि का उठाव कर लिए है ।मौसम वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए राहत भरी खबर है कि आगामी खरीफ फसल में समान्य वर्षा होगी। लेकिन आषाढ माह लगने के बाद भी वर्षा नहीं होने से किसान चिंतित नजर आने लगे है ।किसान पिछले बार समान्य वर्ष के कारण खेती करने में सुविधा हुई वही इस बार कर्ज मांफी योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी हुई है ।अधिकांश किसानों ने खेती में पानी की कमी न हो इसके लिए बोर खनन करा लिये है जिससे किसान समय पर सही खेती कर सकते है और उत्पादन व पैदावार में बढोत्तारी होगी ।
किसान आर्थिक रुप से समृद्ध होगा । लेकिन किसानों के लिए यह बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आया है कि आगामी खरीफ फसल के लिए समान्य वर्षा होगी इसलिए सहकारी समिति जाकर खाद बीज और नगद राशि ले रहे है ताकि अच्छे से कृषि कार्य कर सके । सेलूद सहित आसपास के अधिकांश भागों में बारिश की गतिविधियों पर लगे अल्पविराम के बाद क्षेत्रवासी उमस और गर्मी से बेहाल हो गए हैं।
खेती-किसानी का काम बुरी तरह प्रभावित
प्रदेश में अभी तक ढंग से बारिश शुरू भी नहीं हो पाई है कि मानसून कमजोर प्रतीत हो रहा है। इसके चलते आने वाले दिनों में खेती-किसानी का काम भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है। मानसून के आगाज के साथ ही उतई के आसपास के क्षेत्रों में प्री मानसुन की हल्की बारिश हुई थी, लेकिन इसके बाद से ही बारिश की गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई है। यही हाल दुर्ग जिले के पाटन धमधा व दुर्ग ब्लाक के सभी अन्य गांवों में बनी हुई है। किसान जहाँ पुरी तैयारी के साथ कृषि कार्य में जुट गये थे लेकिन वर्षा नहीं होने से कृषि कार्य पर विराम सा लग गया और बरसात के इंतजार में कृषि कार्य पर विराम लगने से कृषि कार्य करने वाले किसान व मजदूर संशय की स्थिति में ही कृषि कार्य करने मजबूर है । जहां मानसून के दस्तक देने के बाद हल्की से मध्यम बारिश रिकार्ड की गई,। बारिश की गतिविधियां सभी ग्रामीण क्षेत्रों सहित आसपास के जिलों में तथा प्रदेश के अधिकांश भागों में ठप हो गई है। भीषण गर्मी के बाद आसमान में छाए हल्के बादल और बारिश नहीं होने से पूरा वातावरण उमस से भर गया है। बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं।