नवप्रदेश संवाददाता
उतई। धनोरा का शीतला तालाब पूरी तरह से जलकुंभी से पट गया है। जिससे तालाब का पानी गंदा हो गया है। लोगो ने नहाना धोना भी बंद कर दिया है। नवरात्रि के समय लोगो को प्रतिमा विसर्जन करने में ज्यादा परेशानी होती है। ग्रामीणों ने तालाब की साफ -सफाई की मांग कई बार की है। बावजूद इस पर उच्च अधिकारी व जनप्रतिनिधि ध्यान नही दे रहे है। शासन प्रशासन की अनदेखी से नाराज ग्रामीणों ने अब खुद ही पैसे जुटाकर तालाब की सफाई व सौदर्यीकरण की रूपरेखा बना रहे है। लोगो ने बताया कि जलकुंभी से पट रहा यह तालाब गांव का ऐतिहासिक तालाब है। इसकी साफ -सफाई पर शासन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। अब स्थिति यह है कि शीतला तालाब का पानी पूरा गंदा हो चुका है। आसपास के घरों से निकलने वाला गंदा पानी भी इसी तालाब में आ रहा है। अभी तक इस गंदे पानी को तालाब में आने से रोक नहीं लगाया गया है। जलकुम्भी से भी यह तलाब पट चुका है अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो यह तालाब अस्तित्व ही खो देगा। ग्रामीण मनेश साहू ने बताया कि शीतला तालाब गांव का ऐतिहासिक तालाब है। इसका संरक्षण जरूरी है। ग्राम पंचायत में तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए पर्याप्त राशि नही है। जनप्रतिनिधि के सहयोग से तालाब की सफाई व सौदर्यीकरण हो सकता है। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री रमशीला साहू ने तालाब सौदर्यीकरण के लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति दी थी। राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही यह राशि भी निरस्त हो गई। नवरात्रि में दुर्गा प्रतिमा व जवारा का विसर्जन भी इसी तालाब में किया जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के साथ साथ शासन को तालाबो की भी सुध लेना चाहिए। तभी गांव के जल स्तर में सुधार होगा। ग्रामीणों ने शीतला तालाब की सफाई व सौदर्यीकरण की मांग की है।