मुंबई। unsecured loans: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि अगर असुरक्षित लोन पर कार्रवाई नहीं की जाती तो बड़ी समस्या हो जाती। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के घटनाक्रम पर रिजर्व बैंक द्वारा की गई कार्रवाई से असुरक्षित ऋणों की वृद्धि धीमी होने की उम्मीद है।
दास ने रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षकों के कॉलेज में वित्तीय स्थिरता पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा। दास ने कहा असुरक्षित ऋणों पर प्रतिबंध इस विचार का परिणाम है कि असुरक्षित ऋणों में वृद्धि इस बाजार में एक संभावित समस्या पैदा कर सकती है।
इस समस्या से बचने के लिए रिजर्व बैंक ने अनसिक्योर्ड लोन (unsecured loans) पर कार्रवाई की थी। अब रिजर्व बैंक की कार्रवाई का नतीजा देखने को मिल रहा है। लोन मार्केट में अनसिक्योर्ड लोन कम हो गए हैं। अगर लोन मार्केट में किसी एक तरह के लोन में बढ़ोतरी होती है तो इससे दिक्कत हो सकती है।
कार्रवाई का क्या असर हुआ?
आरबीआई की कार्रवाई के असर के बारे में दास ने कहा कि यह बहुत अच्छा रहा। अगर हमने पहले इस पर ध्यान नहीं दिया होता तो यह एक बड़ी समस्या बन जाती। ऐसे में खराब कर्ज को कम करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है, ताकि कर्ज की वृद्धि धीमी हो सके। उन्होंने कहा आरबीआई की कार्रवाई के बाद क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो 30 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत हो गया है।
जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का ऋण 29 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। पिछले साल 16 नवंबर, 2023 को आरबीआई ने असुरक्षित ऋण और एनबीएफसी में निवेश पर जोखिम भार बढ़ा दिया था। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने आदेश दिया था कि बैंक को ऐसी संपत्तियों को अलग रखना होगा।